क्या जबरदस्ती बुलाए गए लोग फिर भी कुर्सियां खाली रहीं? : टीकाराम जूली

सारांश
Key Takeaways
- कार्यक्रम में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ।
- किसानों को दिए गए धन में कमी है।
- ईआरसीपी योजना में कोई प्रगति नहीं हुई है।
अलवर, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए और नदबई में आयोजित किसान सम्मान निधि कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाए। जूली ने कहा कि इस सभा में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम, आशा सहयोगिनी, पंचायत सचिव और अन्य विभागों के कर्मचारियों को जबरदस्ती बुलाया गया। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री के भाषण के समय अधिकांश कुर्सियां खाली थीं। इससे स्पष्ट होता है कि किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को सम्मान निधि के तहत 12,000 रुपए देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें केवल 9,000 रुपए ही मिले, जिसमें से 6,000 रुपए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि किसानों को कभी 500 रुपए, कभी 1,000 रुपए की राशि दी जा रही है और वह भी चरणबद्ध तरीके से। इससे किसानों में भारी नाराजगी पैदा हो रही है।
जूली ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार किसानों के हितों की बजाय केवल राजनीतिक और दिखावटी कार्यों में लगी है, जिससे असली लाभ किसानों तक नहीं पहुंच रहा।
इसके साथ ही, जूली ने ईआरसीपी जल योजना को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि योजना को दो वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। लगभग दो वर्ष पहले रामगढ़ में मुख्यमंत्री ने खुद को भगीरथ घोषित करने का प्रयास किया था, लेकिन अब तक ईआरसीपी परियोजना से पानी नहीं आया और ना ही यमुना नदी का पानी योजनाबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया गया। सरकार केवल झूठ बोल रही है और जनता को गुमराह कर रही है।
टीकाराम जूली ने कहा कि ईआरसीपी के टेंडर भी सरकार की पसंदीदा कंपनियों को दिए जा रहे हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रिक बॉंड के नाम पर चंदा दिया। योजना में अब तक कोई वास्तविक प्रगति नहीं हुई है, जिससे जनता और किसानों का भरोसा टूट रहा है।