क्या भगवा आतंकवाद का झूठ इस्लामिक आतंकियों को खुश करने के लिए गढ़ा गया? उमा भारती का कांग्रेस पर हमला

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव बम विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी किया गया।
- उमा भारती और विनोद बंसल ने कांग्रेस पर हमले किए हैं।
- भगवा आतंकवाद का झूठ गढ़ने का आरोप कांग्रेस पर लगाया गया है।
- इस्लामिक आतंकवादियों को खुश करने के लिए हिंदू आतंकवाद का चित्रण किया गया।
- मालेगांव विस्फोट में छह लोग मारे गए थे।
भोपाल, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इस निर्णय के बाद आरोप-प्रत्यारोप का मामला और भी गरमा गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता विनोद बंसल ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने भगवा आतंकवाद का झूठ गढ़ने के लिए कांग्रेस से माफी की मांग की।
उमा भारती ने मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए राष्ट्र प्रेस से कहा, "इस्लामिक आतंकवादियों को खुश करने के लिए हिंदू आतंकवाद का एक झूठा चित्रण तैयार किया गया था। कांग्रेस के कई नेता इस्लामिक आतंकवादियों के इशारे पर काम कर रहे थे। उन्हें खुश करने के लिए ही हिंदू आतंकवाद की संकल्पना को गढ़ा गया, जिसे भगवा आतंकवाद का नाम दिया गया। वे कभी भी दोषी नहीं थे, और मैं उन लोगों की निंदा करती हूँ जिन्होंने ये शब्द बनाए हैं, और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा आज निर्दोष साबित हुईं। प्रज्ञा को बधाई एवं माननीय न्यायालय का अभिनंदन।"
विनोद बंसल ने मालेगांव बम धमाके के मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस पर हमला करते हुए लिखा, "मालेगांव मामले में हिंदुओं को फंसाने के लिए कांग्रेस को तुरंत देशभर के हिंदुओं से क्षमा मांगनी चाहिए।"
बंसल ने कहा, "मालेगांव विस्फोट का फैसला पूरी कांग्रेस के मुंह पर एक बड़ा तमाचा है।"
ज्ञात हो कि मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बम विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।