क्या बिहार का भविष्य बदलने के लिए सरकार का बदलना आवश्यक है? : सचिन पायलट
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में बदलाव की आवश्यकता है।
- सचिन पायलट ने सरकार की असफलता का आरोप लगाया।
- बिहार के लोग प्रणाली परिवर्तन चाहते हैं।
- भाजपा और जदयू नए वादे कर रहे हैं।
- बिहार में बेरोजगारी और पलायन की समस्या गंभीर है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने रविवार को महागठबंधन के फ्रेंडली फाइट के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कई बार ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। यह केवल एक पार्टी के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि फ्रेंडली फाइट में कोई भी दुश्मन नहीं होता है। चाहे कोई भी जीतें, हम सभी एक साथ रहेंगे।
पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार असफल साबित हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले वे कितनी बार बिहार आए हैं और उनके द्वारा किए गए वादों में से कितने पूरे हुए हैं? उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में पलायन की समस्या सबसे गंभीर है और यहाँ शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी भी बहुत अधिक है। लोगों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए इस सरकार का बदलना अनिवार्य है।
पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि भले ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वे दिल्ली के दबाव में सरकार चला रहे हैं, जो सभी को स्पष्ट है। उन्हें सत्ता के लालच में इस हद तक गिरने की उम्मीद नहीं थी। यह सच है कि उनके लिए कुर्सी का मोह और सत्ता का लालच बिहार के लोगों की भलाई से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
सचिन पायलट ने कहा कि बिहार में बदलाव की लहर अपने चरम पर है। बिहार के निवासी अब केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रणाली परिवर्तन की आकांक्षा रखते हैं। वर्तमान शासन प्रणाली विफल हो चुकी है।
भाजपा और जदयू पुराने वादों को भुलाकर नए वादे कर वोट पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे पूरी तरह असफल होंगे। महागठबंधन के सभी सहयोगियों ने जनता से जो संक्षिप्त लेकिन मजबूत वादे किए हैं, उस पर लोगों का विश्वास है।
बिहार में पेपर लीक के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी लोग बिहार को बेहतर बनाने के लिए एकजुट हैं। जो उम्मीद बिहार की जनता ने हमसे की है, हम उस पर खरे उतरने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा खंडित जनादेश लेकर आई थी और वह बैसाखियों के सहारे सत्ता में है।