क्या बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर जदयू नेता केसी त्यागी का दावा सही है कि एनडीए ही जीतेगा चुनाव?

सारांश
Key Takeaways
- केसी त्यागी का एनडीए की जीत पर विश्वास
- मतदाता सूची पुनरीक्षण का महत्व
- विपक्ष की रणनीतियाँ
- चुनाव आयोग की भूमिका
- बिहार में राजनीतिक स्थिरता
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता के.सी. त्यागी ने शनिवार को राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जीत सुनिश्चित है।
के.सी. त्यागी ने कहा, "पहले ईवीएम को लेकर सवाल उठते थे। जब भी कहीं 'इंडी गठबंधन' चुनाव हारता है, तो वह ईवीएम को दोष देने लगता है।"
उन्होंने बताया कि पिछले 20 वर्षों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं और उन पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगा है। ऐसे में, विपक्ष अपनी संभावित हार को देखते हुए 'मतदाता सूची पुनरीक्षण' पर सवाल उठाने लगा है।
के.सी. त्यागी ने कहा कि वह स्वयं छह बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में सुधार होता है, जिसमें मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जाते हैं और नए लोगों के नाम जोड़े जाते हैं। जो अब्सेंट वोटर हैं, उनके नाम भी काटे जाते हैं। यह पुनरीक्षण उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
विपक्ष के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग से मिलने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, "'इंडी' गठबंधन के नेताओं को चुनाव आयोग से निवेदन करना चाहिए, हमें इस पर कोई एतराज नहीं है।"
आगामी 9 जुलाई को प्रस्तावित चक्का जाम के संदर्भ में के.सी. त्यागी ने कहा, "चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसके साथ बातचीत करने की बजाय इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना 'इंडी' गठबंधन का काम है। एनडीए गठबंधन एकजुट है और चुनाव में सफलता प्राप्त करेगा।"
मराठी विवाद पर के.सी. त्यागी ने कहा, "महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव नजदीक हैं। शिवसेना के दोनों भाई चुनाव पर कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए, उन्होंने भाषा का यह सवाल उठाकर उत्तर भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास किया है।"
पटना में गोपाल खेमका की हत्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है और हमारे गठबंधन के लिए चिंताजनक है। ऐसी घटनाएँ पहले होती थीं, लेकिन हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि अपराधी को सजा मिलेगी। वे दिन गए जब अपराधी मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन कराकर बच जाते थे। अब जंगल राज नहीं, मंगल राज है।"