क्या बिहार में एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगा? : नरेंद्र कश्यप
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने की संभावना है।
- मतदाता का समर्थन एनडीए के लिए मजबूत है।
- दिल्ली बम विस्फोट पर पीएम मोदी की सरकार की सख्त कार्रवाई।
- कांग्रेस पार्टी के नेताओं का विश्वास कम हो रहा है।
- ऑपरेशन सिंदूर जारी है, आतंकवाद पर कड़ी निगरानी।
लखनऊ, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में एनडीए की वापसी पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मतदाता मतदान के बाद आए एग्जिट पोल से स्पष्ट है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने जा रही है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार चुनाव के एग्जिट पोल ने यह साबित कर दिया है कि एनडीए को एक बार फिर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने का अवसर मिलेगा।
कश्यप ने कहा कि मैं एक महीने तक बिहार में रहा। सभी एनडीए घटक दलों के नेताओं ने कड़ी मेहनत की और जनता से संवाद स्थापित किया। बिहार की जनता ने एनडीए सरकार की सराहना की। एनडीए के घोषणा पत्र ने जनता के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। एग्जिट पोल ने स्पष्ट कर दिया है कि मतदाताओं ने एनडीए को सत्ता में लाने के लिए ऐतिहासिक तरीके से वोट दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं, एनडीए बिहार में सरकार बना रहा है.
दिल्ली के बम विस्फोट पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक चुनौती है। पीएम मोदी ने देश और दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी दोषी बचेगा नहीं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनआईए को जांच सौंपी है और लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं। आतंकवादियों को यह एहसास हो जाएगा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में नक्सलवाद और आतंकवाद का अंत निश्चित है।
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभी भी जारी है। देश की सरकार कभी भी इसे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। देश की सैन्य शक्तियों ने आतंकवादियों को पाकिस्तान में घुसकर खात्मा किया है। हमारी सरकार दहशतगर्दों को उनकी हैसियत बताना जानती है।
कांग्रेस नेता शकील अहमद के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि शकील अहमद का इस्तीफा देना उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी से देश की जनता का भरोसा उठ चुका है। बड़े नेता कांग्रेस के नेतृत्व से पीछे हट रहे हैं। उनका इस्तीफा इस बात का संकेत है कि पार्टी का भविष्य देश में बहुत खराब है।