क्या बिहार में वोट चोरी की साजिश अभी भी जारी है? : दीपांकर भट्टाचार्य

सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर मामले में 7 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
- दीपांकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
- आरा के विधायक वोटरों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
- चुनाव आयोग को सभी शिकायतों को सार्वजनिक करना चाहिए।
- दीपांकर का मानना है कि आंदोलन से वोट चोरी रुकेगी।
पटना, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर के मुद्दे पर अब 7 अक्टूबर को सुनवाई होने जा रही है। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एसआईआर को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
दीपांकर भट्टाचार्य ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इस समय एसआईआर मामले का अंतिम चरण चल रहा है। कुछ मामलों में चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के चलते पीछे हटना पड़ा है, लेकिन जिस तरीके से पूरे बिहार में नाम काटने की तैयारी चल रही है, उसमें भाजपा का पूरा तंत्र सक्रिय है।"
उन्होंने आगे कहा कि हमें जानकारी मिली है कि आरा के विधायक अपने क्षेत्र के वोटरों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए चुनाव आयोग को ईमानदारी से इसकी जानकारी सभी को प्रदान करनी चाहिए और सभी शिकायतों को सार्वजनिक करना चाहिए।
भट्टाचार्य ने कहा, "हमने वोट चोरी की कोशिशों को पकड़ लिया है, लेकिन वोट चोरी की साजिश अभी भी सक्रिय है। हमारे आंदोलनों के कारण ही वोट चोरी रुक सकती है।" उन्होंने प्रशासन से आपत्तियों को तत्परता से साझा करने की मांग की। उन्होंने बताया कि आरा में अभी भी बाहरी आवेदनों पर कार्य चल रहा है। हमें कई सूचनाएँ मिली हैं कि नाम काटने के लिए आवेदन आ चुके हैं, लेकिन किसने आवेदन किया है, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। फर्जी आवेदनों के आधार पर लोगों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव की यात्रा पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि वह यात्रा बिहार की परिक्रमा थी। इस दौरान कुछ जिलों को छोड़ दिया गया था, जिसके कारण फिर से यात्रा निकाली जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर हर पार्टी अपनी अलग-अलग यात्रा भी निकाल सकती है। सीटों के बंटवारे पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला जल्द होगा, हमारी बातचीत जारी है। सभी के लिए एक सामान्य निर्णय लिया जाएगा।