क्या भाजपा के साथ कांग्रेस नहीं, ‘आप’ की सेटिंग है?

सारांश
Key Takeaways
- राजेंद्र पाल गौतम का केजरीवाल पर आरोप भाजपा के साथ सेटिंग का है।
- केजरीवाल का आंदोलन आरएसएस समर्थित था।
- कांवड़ रूट पर दुकानदारों के साथ भेदभाव हो रहा है।
- ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।
- जनता भाजपा के दोहरे चरित्र का जवाब देगी।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस और भाजपा के संबंधों पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के "प्रेमी-प्रेमिका" वाले बयान पर कांग्रेस नेता राजेंद्र पाल गौतम ने तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि केजरीवाल की सेटिंग भाजपा के साथ है।
केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों छिप-छिपकर मिलते हैं। हमें इनसे सावधान रहना चाहिए। ये बहुत खतरनाक हैं।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने गुरुवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पहले अरविंद केजरीवाल को अपने 2011 के आंदोलन की समीक्षा करनी चाहिए। असल में वह किसका आंदोलन था। वह आरएसएस समर्थित आंदोलन था, जिसका उद्देश्य कांग्रेस को गिराना था। देश के कॉरपोरेट फंडर्स के जरिए सभी टीवी चैनलों पर मनगढ़ंत कहानियाँ चलवाई गईं, जिससे ऐसा माहौल बना कि पूरी यूपीए सरकार भ्रष्ट है।
गौतम ने कहा कि जब केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार से इस्तीफा दिया, तब उन्होंने कहा था कि वे लोकपाल बिल लाना चाहते हैं और कांग्रेस का सहयोग नहीं मिल रहा। 2015 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें इन्हीं के खाते में गईं। तब केजरीवाल लोकपाल बिल लेकर क्यों नहीं आए? भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले केजरीवाल आज खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। काले धन के मुद्दे पर उनकी जुबान नहीं खुलती। उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ कांग्रेस की नहीं, आप की सेटिंग है।"
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि कांवड़ रूट पर दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है। जब कांग्रेस नेता से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा आदेश नहीं निकालना चाहिए, जिसमें दुकानदारों को अपनी जाति के बारे में बताना पड़े। भाजपा का यह दोहरा चरित्र ज्यादा दिन नहीं चलेगा। जनता इसका जवाब देगी।
नेशनल हेराल्ड मामले में उन्होंने कहा कि एजेंसी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। ईडी केवल विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई करती है, सत्ता पक्ष के नेताओं पर कभी कार्रवाई नहीं होती।