क्या सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के दावे हैं निराधार? देबब्रत सैकिया का बयान

Click to start listening
क्या सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के दावे हैं निराधार? देबब्रत सैकिया का बयान

सारांश

कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम ने गौरव गोगोई के खिलाफ राजनीतिक दुरुपयोग किया। क्या ये दावे वाकई निराधार हैं?

Key Takeaways

  • सैकिया ने आरोप लगाया कि सीएम के दावे निराधार हैं।
  • एसआईटी जांच को राजनीतिक उद्देश्य से संचालित माना जा रहा है।
  • गोगोई की पत्नी का बचाव किया गया है।
  • भाजपा सरकार की नाकामियों को छिपाने का प्रयास।
  • यह मामला पंचायत चुनावों के पूर्वाग्रह को दर्शाता है।

गुवाहाटी, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के कथित पाकिस्तानी संबंधों की एसआईटी जांच का राजनीतिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

सैकिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री "निराधार दावे" कर रहे हैं कि गोगोई के पाकिस्तान और यहां तक कि आईएसआई से भी संबंध हैं। सीएम लगातार कहते रहे कि गौरव गोगोई भारतीय अधिकारियों को सूचित किए बिना 15 दिनों तक इस्लामाबाद में रहे और वह आईएसआई के संपर्क में थे। बाद में उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान जाना ही एक अपराध है, जो बेतुका है। यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री भी एक बार नवाज शरीफ के साथ डिनर करने वहां गए थे।

उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार सबूत पेश करने के आश्वासन के बावजूद, ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है। सैकिया ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने १० सितंबर को सब बताने का वादा किया था, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि उन्हें एसआईटी रिपोर्ट का अध्ययन करना होगा। अगर उन्हें रिपोर्ट की विषय-वस्तु की जानकारी नहीं थी, तो वे पहले इतने बड़े-बड़े दावे कैसे कर सकते थे?

सैकिया ने गोगोई की पत्नी, जिन पर पाकिस्तान से संबंधों के आरोप लगे हैं, का बचाव करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली एक प्रसिद्ध जलवायु विशेषज्ञ हैं। पाकिस्तान या अपने क्षेत्र के किसी अन्य देश के विशेषज्ञों के साथ सहयोग करना अपराध नहीं कहा जा सकता।

सैकिया ने आरोप लगाया कि यह पूरा विवाद पंचायत चुनावों से पहले ध्यान भटकाने के लिए खड़ा किया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने २०१६ के विजन डॉक्यूमेंट में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए, उन्होंने कांग्रेस नेताओं को राष्ट्र-विरोधी करार देने की कोशिश की।

उन्होंने एसआईटी जांच की भी आलोचना की और तर्क दिया कि अंतरराष्ट्रीय जासूसी के मामले केंद्रीय एजेंसियों के अधीन आते हैं, राज्य पुलिस के नहीं। सैकिया ने कहा कि अगर यह सचमुच आईएसआई और पाकिस्तान का मामला था तो एनआईए या केंद्रीय खुफिया एजेंसी को इसे देखना चाहिए था। राज्य पुलिस को ऐसे मामलों में कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यह भाजपा द्वारा "विपक्ष के खिलाफ सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल" करने का एक और उदाहरण है।

सैकिया ने पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए एपीएससी जांच रिपोर्ट और ईडी के मामलों के साथ तुलना की। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा संस्थाओं का दुरुपयोग एक पैटर्न है। एपीएससी मामले में, एक मृत अधिकारी को भी बिना पूछताछ के दोषी ठहराया गया। इसी तरह, ईडी हजारों मामले दर्ज करता है, लेकिन मुश्किल से ५ प्रतिशत में ही सफलता मिलती है। यह एसआईटी भी न्याय के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से गठित की गई थी।

Point of View

मेरा मानना है कि राजनीति में इस तरह के आरोप और प्रत्यारोप आम हैं। हालांकि, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आरोपों के पीछे ठोस सबूत हों। इससे लोकतंत्र की मजबूती बढ़ेगी।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या देबब्रत सैकिया के आरोप सही हैं?
सैकिया ने सीएम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने गोगोई के खिलाफ राजनीतिक दुरुपयोग किया है, लेकिन यह साबित करना मुश्किल है।
क्या एसआईटी जांच निष्पक्ष है?
इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोग इसे राजनीतिक उद्देश्य से संचालित मानते हैं।
क्या मुख्यमंत्री को सबूत पेश करने चाहिए?
हां, अगर सीएम ने आरोप लगाए हैं, तो उन्हें ठोस सबूत पेश करने चाहिए।
क्या इस मामले का पंचायत चुनावों पर असर होगा?
हाँ, यह मामला चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है।
क्या गोगोई की पत्नी पर आरोप वाजिब हैं?
गोगोई की पत्नी एक विशेषज्ञ हैं, और उनके पाकिस्तानी संबंधों का आरोप गलत हो सकता है।