क्या महाकाल की सवारी में गड़बड़ी करने वाले उज्जैन में रह पाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- महाकाल की सवारी धार्मिक महत्व की है।
- भाजपा विधायक ने गड़बड़ी करने वालों को चेतावनी दी है।
- छात्रों की सुविधा के लिए छुट्टी का निर्णय।
- सवारी के लिए भव्यता बढ़ाने के प्रयास।
- उज्जैन में सवारी का महत्व है।
भोपाल/उज्जैन, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने बुधवार को कहा कि श्रावण मास में उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ इस बार ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि वे उज्जैन में रहना भूल जाएंगे।
धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रावण मास में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकलती है। इस दौरान देश-दुनिया के श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को शिक्षण संस्थानों में अवकाश का ऐलान किया है। इसके बदले रविवार को पढ़ाई होगी। भाजपा विधायक शर्मा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि महाकाल की सवारी के दौरान छात्रों को परेशानी होती है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा शुक्रवार को छुट्टी की मांग पर भाजपा विधायक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस "दिवालियापन" का सामना कर रही है। ये लोग न राम के हुए, न महावीर के। अब ये महादेव के भी नहीं हो रहे।
भाजपा विधायक ने कहा कि पिछली बार सवारी पर जिन्होंने थूका था, उनके घर मैदान बना दिए गए थे। इसलिए, "महाकाल की सवारी पर फूल बरसाओगे तो ठीक रहेगा, और अगर इस बार गड़बड़ी हुई, तो ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि उज्जैन में रहना भूल जाओगे"।
उज्जैन में सोमवार को शिक्षण संस्थानों में अवकाश के फैसले को शर्मा ने स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा, "हमने एक साल का डेटा निकाला है जिसमें देखा गया कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। श्रावण मास के सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। इस दौरान स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं परेशान न हों और जाम में न फंसें, इसे ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि सोमवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। उसकी जगह पर रविवार को स्कूल और कॉलेज खोले जाएंगे।
बताया गया है कि इस साल भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी को अधिक भव्य रूप देने के लिए प्रत्येक सवारी में अलग-अलग थीम रखी गई है। पहली सोमवारी को निकलने वाली सवारी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में रजत पालकी में विराजित होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे।
भगवान महाकालेश्वर की सभी सवारियां पूर्ण वैभव के साथ नगर भ्रमण पर निकलती हैं। प्रथम सवारी के मौके पर 14 जुलाई को वैदिक उद्घोष कार्यक्रम होगा। क्षिप्रा तट पर पूजन के दौरान 500 से अधिक वैदिक बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रों का उद्घोष किया जाएगा। मां क्षिप्रा के तट पर दोनों ओर दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र में उज्जैन में संचालित 25 गुरुकुलों के 500 से अधिक बटुकों द्वारा वेद उद्घोष किया जाएगा।