क्या 'गाली अलायंस' बिहार के लिए फायदेमंद हो सकता है? : प्रदीप भंडारी

सारांश
Key Takeaways
- गाली अलायंस का बिहार की राजनीति में कोई सकारात्मक योगदान नहीं है।
- भाजपा ने महागठबंधन पर तीखा हमला किया है।
- बिहार की जनता इंडी अलायंस और कांग्रेस के खिलाफ एकजुट है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार जैसे चुनावी राज्य में राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर पहुँच चुकी है। रविवार को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विवादास्पद बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इस संदर्भ में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोमवार को विपक्ष पर कटाक्ष किया।
भंडारी ने कहा, "जिनका इतिहास बूथ लूटने का रहा है, जिनकी संस्कृति में अलोकतांत्रिक तत्व समाहित हैं, ऐसा गठबंधन कभी भी बिहार का भला नहीं कर सकता। इसलिए यह लोकतांत्रिक 'गाली अलायंस' कभी सुप्रीम कोर्ट के ऊपर, कभी चुनाव आयोग के ऊपर और अब मीडिया के ऊपर अभद्र टिप्पणियाँ कर रहा है। इससे साफ है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव कितने चिंतित हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हर आंतरिक सर्वे यह दर्शा रहा है कि बिहार में एनडीए की विकासशील सरकार पुनः स्थापित होने वाली है। साथ ही, विपक्ष फिर से विपक्ष में बैठने वाला है। बिहार का हर निवासी यह भी जानता है कि जो आज मीडिया को गाली दे रहे हैं, वे कल बिहार के वोटर्स के प्रति भी अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं।"
भंडारी ने स्पष्ट किया, "इंडी अलायंस बिहार की अस्मिता के साथ नहीं खड़ा है और वे घुसपैठियों के समर्थन में हैं। बिहार की जनता इंडी अलायंस, गाली अलायंस, कांग्रेस और आरजेडी के खिलाफ एकजुट हो चुकी है। अलोकतांत्रिक और अभद्र प्रवृत्तियों के खिलाफ बिहार की जनता ने अपने शब्दों के माध्यम से अपनी आवाज उठाई है।