क्या घुसपैठियों को भारत से बाहर निकाला जाएगा: जगदंबिका पाल?
सारांश
Key Takeaways
- घुसपैठियों को पहचान कर बाहर निकाला जाएगा।
- ममता बनर्जी का एसआईआर पर बयान विवादित है।
- चुनाव आयोग का कार्य निष्पक्षता से वोटर लिस्ट तैयार करना है।
- कांग्रेस पार्टी १४ दिसंबर को रैली कर रही है।
- आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नीति महत्वपूर्ण है।
सिद्धार्थनगर, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि जो भी घुसपैठिए हैं, उन्हें भारत से बाहर निकाला जाएगा।
भाजपा सांसद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी घुसपैठियों की पहचान की जाएगी, उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे और उन्हें देश से बाहर डिपोर्ट किया जाएगा।
यह बयान तब आया है जब ममता बनर्जी एसआईआर मुद्दे पर विरोध जता रही हैं।
ममता बनर्जी ने एसआईआर के विषय पर एक भड़काऊ बयान में कहा कि यदि वोटर लिस्ट की समीक्षा के दौरान महिलाओं के नाम हटा दिए गए, तो वे किचन के औजारों के साथ तैयार रहें।
जगदंबिका पाल ने कहा कि ममता बनर्जी अब बौखला गई हैं और उनकी बौखलाहट सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि एसआईआर की डेडलाइन बढ़ा दी गई है, और चुनाव आयोग ने कहा है कि यदि कोई असली वोटर छूट गया है, तो उसका नाम जोड़ दिया जाएगा, लेकिन गैर-कानूनी एंट्री को हटा दिया जाएगा।
चुनाव आयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह निष्पक्षता से वोटर लिस्ट तैयार करता है और यह एक सतत प्रक्रिया है। ममता बनर्जी और राहुल गांधी सिर्फ एसआईआर पर जनता को गुमराह कर सकते हैं, लेकिन लोग समझदार हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि संसद के शीतकालीन सत्र में एसआईआर को लेकर राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों ने सवाल उठाए। हालांकि, इन सवालों का जवाब केंद्रीय गृहमंत्री ने दिया है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी १४ दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एसआईआर और वोट चोरी के खिलाफ एक बड़े रैली का आयोजन कर रही है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महागठबंधन के अन्य दलों के नेता शामिल होंगे।
चुनाव आयोग ने ६ राज्यों में एसआईआर की समय-सीमा बढ़ा दी है।
सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि आज न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया ने यह स्वीकार कर लिया है कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है। आतंकवाद के खिलाफ यदि किसी ने नेतृत्व किया है, तो वह पीएम मोदी हैं। पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देता है। हम कैसे भूल सकते हैं कि संसद पर आतंकवादियों ने हमला किया था? हमारे जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। शहीदों को नमन करते हैं।