क्या हर्बल दवा का अधिक मात्रा में सेवन करना खतरनाक है? जानिए आयुर्वेद क्या कहता है

सारांश
Key Takeaways
- हर्बल दवाओं का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
- दवाओं की सही मात्रा और अवधि का पालन आवश्यक है।
- एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही दवा का सेवन करें।
- आयुर्वेद में रोग का उपचार ही नहीं, सम्पूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है।
- प्राकृतिक दवाओं को सुरक्षित मानना एक भ्रम है।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद के बारे में कई ग़लतफ़हमियाँ हैं, जिनमें से एक यह है कि औषधियों की अधिक मात्रा लेने से किसी भी बीमारी से जल्दी निजात पाया जा सकता है। कई लोग ऐसा सोचते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि आयुर्वेदिक औषधियों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन यह एक भ्रम है। किसी भी औषधि का आवश्यकता से अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
आयुर्वेद सहित सभी आयुष प्रणालियों में दवाओं का सेवन एक निर्धारित मात्रा और अवधि में करने की सलाह दी जाती है। यह कार्य केवल एक योग्य एवं पंजीकृत चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए।
आयुर्वेद एक समग्र चिकित्सा पद्धति है, जिसमें केवल रोग का उपचार ही नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखना भी आवश्यक माना गया है। हर व्यक्ति की प्रकृति, जीवनशैली, आहार और वातावरण के अनुसार दवा निर्धारित की जाती है। यही कारण है कि किसी भी दवा की मात्रा, समय और अवधि अत्यंत सावधानीपूर्वक निर्धारित की जाती है। अगर इन निर्देशों का उल्लंघन किया जाए तो लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है।
उदाहरण के लिए, कुछ आयुर्वेदिक औषधियों में धातु या खनिज तत्व होते हैं, जो उचित मात्रा में लेने पर प्रभावी होते हैं, लेकिन अगर इनका अधिक सेवन किया जाए तो यह यकृत, गुर्दे या अन्य अंगों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। इसी तरह, कुछ जड़ी-बूटियों का अत्यधिक सेवन एलर्जी, अपच, रक्तचाप असंतुलन या अन्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए यह समझना आवश्यक है कि प्राकृतिक या हर्बल दवा का मतलब यह नहीं कि वह पूरी तरह सेफ है और किसी भी मात्रा में ली जा सकती है।
एक योग्य आयुष चिकित्सक रोगी की अवस्था, आयु, वजन, प्रकृति और रोग की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दवा की मात्रा और अवधि तय करता है। इसलिए यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति स्वयं से दवा न ले और न ही दूसरों के अनुभव के आधार पर दवा की मात्रा बढ़ाए। सही मात्रा में और सही समय पर ली गई दवा ही सुरक्षित और प्रभावी होती है।