क्या हिंदू मंदिरों और संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारी होने चाहिए? : श्रीराज नायर

सारांश
Key Takeaways
- हिंदू मंदिरों में केवल हिंदू कर्मचारी होने की बात पर विवाद है।
- अनुशासन का पालन करना किसी भी संस्थान के लिए आवश्यक है।
- विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।
- बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ताओं ने राहत कार्यों में हिस्सा लिया है।
- हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुंबई, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले में स्थित प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर के ट्रस्ट द्वारा मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता श्रीराज नायर ने रविवार को अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि विहिप का यह मानना है कि हिंदू मंदिरों और संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारी होने चाहिए।
श्रीराज नायर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान बताया कि लगभग 150 कर्मचारियों को निकाला गया, जिनमें करीब 100 मुस्लिम और बाकी हिंदू कर्मचारी शामिल थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसे धर्म के नजरिए से न देखे, क्योंकि किसी भी संस्थान के लिए अनुशासन आवश्यक है। निकाले गए कर्मचारियों ने अनुशासन का पालन नहीं किया। यदि किसी को लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है, तो वे कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा है। हिंदू मंदिर और धार्मिक संस्थान पिकनिक सेंटर नहीं हैं, ये हमारी आस्था के केंद्र हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर श्रीराज नायर ने कहा कि जब भी कोई आपदा आती है, तो विहिप के लोग मौके पर राहत कार्य करते हैं। लेकिन मीडिया हमेशा हमारी छवि को प्रदर्शनकारी के रूप में प्रस्तुत करता है, हमारी सेवा गतिविधियों को नजरअंदाज करता है। अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए, जिसमें बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
प्रसिद्ध चित्रकार एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग की नीलामी के संबंध में विहिप प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की अशोभनीय चित्रण किया था। इस कारण उन्हें भारत छोड़ना पड़ा और उनका निधन वहीं हुआ। विश्व हिंदू परिषद यह सुनिश्चित करेगा कि यदि किसी प्रदर्शनी या चित्र के माध्यम से देवी-देवताओं का अपमान हुआ, तो बजरंग दल इसका विरोध करेगा।