क्या हम अपनी सेना का सम्मान नहीं करते? : राशिद अल्वी

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के चार से पांच एफ16 विमानों का नाश।
- राशिद अल्वी ने सेना का सम्मान करने की बात की।
- सरकार से स्पष्टता की मांग।
- चीन और तुर्किए पाकिस्तान के साथ।
- विदेश नीति में सुधार की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एयर चीफ मार्शल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में हमने पाकिस्तान के चार से पांच एफ16 विमानों को नष्ट किया।
इस पर कांग्रेस के अनुभवी नेता राशिद अल्वी ने समाचार एजेंसी आईएएएनएस से बातचीत में कहा कि हम अपनी सेना का सम्मान करते हैं। पाकिस्तान की सेना का हमारी सेना से कोई तुलना नहीं है। लेकिन, तीन से चार महीने बाद बयानों का आना क्यों? मेरा मानना है कि हमें एक बार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट करना चाहिए कि युद्ध में हमने पाकिस्तान को किस तरह से नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि प्रेसवार्ता में पूरी जानकारी देनी चाहिए कि हमने पाकिस्तान को किस-किस मोर्चे पर नुकसान पहुंचाया, उनकी कितनी सेना को नष्ट किया, या उनके कितने विमान गिराए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि आज की स्थिति में पूरी दुनिया यह सवाल कर रही है कि क्या हमारे राफेल विमानों को पाकिस्तान में गिराया गया था या नहीं? सबसे पहले सरकार को इस पर अपना स्पष्ट जवाब देना चाहिए। अगर राफेल नहीं गिराए गए हैं, तो इसका जवाब आना चाहिए। सरकार को देश के सामने यह स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम एयर चीफ मार्शल की बातों पर विश्वास करते हैं। पाकिस्तान के एफ-16 जरूर गिराए गए होंगे। यह युद्ध केवल पाकिस्तान से नहीं, बल्कि चीन से भी था। यह दावा किया गया है कि चीन इस्लामाबाद में इस बात का उत्सव मना रहा था कि उसने हमारे राफेल गिरा दिए। यह खबरें दुनियाभर के अखबारों में भी प्रकाशित की गईं। अब अगर यह दावा गलत है, तो सरकार को इसे खारिज करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पूरी स्थिति भारत की विदेश नीति से जुड़ी हुई है। हमें समझना होगा कि आज चीनी और तुर्किए पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। अजरबैजान भी पाकिस्तान के साथ है। हाल ही में सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का एक समझौता हुआ है जिसमें कहा गया है कि यदि किसी भी देश पर हमला होता है तो यह दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान अपनी सेना का बजट बढ़ा रहा है। अब तक पाकिस्तान ने अपनी सेना का 20 प्रतिशत बजट बढ़ा लिया है। ऐसी स्थिति में हमारा विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है? अमेरिका भी हमारे साथ नहीं खड़ा है। इसके अलावा, हमारी स्थिति ऐसी है कि चीन हमारा दुश्मन बना हुआ है। इस पर भारत की विदेश नीति पर सवाल उठ रहे हैं। हमारी सेना अपने दुश्मन को उचित जवाब देने के लिए तैयार है। लेकिन, यदि हमारी विदेश नीति विफल होती है, तो इससे हमारी बदनामी होती है।
उन्होंने रूस का भी जिक्र किया और कहा कि रूस पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगे हुए हैं। उससे कोई भी तेल खरीदने के लिए राजी नहीं है। लेकिन, हम उससे तेल खरीद रहे हैं, जबकि अमेरिका ने भारी टैरिफ लगाया हुआ है। इसके बावजूद भी हम उससे तेल खरीद रहे हैं। इसी को देखते हुए पुतिन हमारी तारीफ कर रहा है।
कांग्रेस नेता ने बरेली हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश सरकार को चौकस होना चाहिए, तब वह सोई रहती है। लेकिन, जुमे की नमाज के दौरान यह सरकार विशेष रूप से अलर्ट हो जाती है। जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब सरकार क्या कर रही थी? गरीब लोग, निर्दोष लोग, चाहे वो हिंदू हों या मुस्लिम, ये सभी लोग बहकावे में आ जाते हैं।
वहीं, राहुल गांधी के 'लोकतंत्र खतरे में है' के बयान पर राशिद अल्वी ने कहा कि उन्होंने तो बहुत हल्के शब्दों का प्रयोग किया है। मैं तो कहूंगा कि लोकतंत्र खतरे में नहीं, बल्कि अब पूरी तरह से खत्म हो रहा है। दो साल तक किसान आंदोलन पर बैठे रहे, लेकिन सरकार खामोश रही। क्या इससे लोकतंत्र खत्म नहीं हुआ? पहलगाम में आप बेगुनाहों को जेल में डाल देते हैं। क्या इससे लोकतंत्र कमजोर नहीं हो रहा है? आप जबरदस्ती वक्फ कानून और तीन तलाक जैसे कानून ला रहे हैं। क्या इससे लोकतंत्र कमजोर नहीं हो रहा है? 70 लाख वोटर्स के नाम एसआईआर के नाम पर बिहार में काट दिए गए, क्या इससे लोकतंत्र कमजोर नहीं हो रहा है?
इसके अलावा, कांग्रेस नेता ने ओवैसी के बयान की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की तुलना मोहम्मद साहब से नहीं की जा सकती। आखिर ओवैसी को क्या हो गया है? मेरी समझ में आता है कि वे बीजेपी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। मैं ओवैसी के बयान की जितनी निंदा करूं, उतनी कम है। मैं कहता हूं कि ओवैसी को अपने शब्द वापस लेने चाहिए।