क्या वक्फ पर इमरान मसूद के बोलने का कोई महत्व है?: शिवसेना प्रवक्ता

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी में इमरान मसूद का योगदान सीमित है।
- वक्फ संशोधन से अल्पसंख्यकों के लिए लाभ होगा।
- शिवसेना ने इमरान मसूद की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है।
- मोदी सरकार के नेतृत्व में विकास की दिशा में काम हो रहा है।
- भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वक्फ कानून में संशोधन किया गया है।
मुंबई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सांसद इमरान मसूद के कांग्रेस शासनकाल में एक घंटे के भीतर वक्फ (संशोधन) कानून को रद्द करने के उनके बयान पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने मंगलवार को उन्हें अनाप-शनाप बयान देने वाला नेता करार दिया।
हेगड़े ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इमरान मसूद अक्सर अनाप-शनाप बातें करते हैं। देश की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है। आज भाजपा और एनडीए के साथ देश की जनता मजबूती से खड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विश्वास है और विकास की दिशा में काम हो रहा है। इमरान मसूद जो भी कहते हैं, उसका कोई महत्व नहीं है क्योंकि जनता ने उन्हें पहले ही खारिज किया है। वह अपने घर में कुछ भी कहें, लेकिन देश की वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग और स्पष्ट है।"
अल्पसंख्यकों पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के हालिया बयान पर हेगड़े ने कहा, "भारत में अल्पसंख्यक सबसे सुरक्षित हैं और उन्हें मोदी सरकार से कई लाभ मिल रहे हैं, जैसा कि किरण रिजिजू ने भी कहा है। रिजिजू ने बताया कि कांग्रेस सरकार भी अल्पसंख्यकों के लिए ऐसा कार्य नहीं कर पाई, जैसा वर्तमान सरकार ने किया है। मुस्लिम बहनों को ट्रिपल तलाक से मुक्ति दिलाकर उन्हें सुरक्षा और सम्मान दिया गया है। वक्फ बोर्ड से जुड़े कानून में होने वाले संशोधन से करोड़ों एकड़ जमीन पर पारदर्शिता आएगी और आम मुसलमानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। यह भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है।"
वहीं, इमरान मसूद के वक्फ पर दिए हालिया बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) प्रवक्ता राज नायर ने कहा, "कांग्रेस स्वतंत्रता के बाद से ही मुस्लिम तुष्टिकरण में डूबी हुई है। इमरान मसूद जो बोल रहे हैं, वह कांग्रेस की पुरानी नीति का हिस्सा है। इससे पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं ने श्रीराम जन्मभूमि को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए हैं। इमरान मसूद के सपने मुंगेरीलाल के सपनों जैसे हैं, जो कभी पूरे नहीं होंगे। मोदी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड में किया गया संशोधन गरीब मुसलमानों के हक में है और यह हमेशा रहेगा। कुछ प्रभावशाली मुसलमानों ने वक्फ की जमीनों पर कब्जा किया था, अब पारदर्शिता आएगी।"