क्या 'जमाई आयोग' बनाकर 'जीजा आयोग' भी बनाना चाहिए?: तेजस्वी यादव

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने बिहार में पीएम मोदी के दौरे पर सवाल उठाए।
- परिवारवाद के मुद्दे पर गंभीर टिप्पणी की।
- बिहार में बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाया।
- बिहार में एयरपोर्ट निर्माण की स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
- एनडीए के अंदरूनी विवादों का जिक्र किया।
पटना, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 जून को प्रस्तावित बिहार के सिवान दौरे पर तंज कसा। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में अब चुनाव हैं, इसलिए पीएम मोदी यहाँ निश्चित रूप से आएंगे।
उन्होंने सवाल किया कि पीएम मोदी ने 11 सालों में बिहार से कितने वोट प्राप्त किए और बिहार को क्या दिया, यह स्पष्ट करें। बिहार में कितनी चीनी मिलें खोली गईं, उस पर भी जानकारी दें।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री को साइप्रस में 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस' सम्मान मिलने पर कहा कि यह सम्मान उन्हें भारत के प्रधानमंत्री होने के कारण मिला है।
इस पर ज्यादा टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि देश की स्थिति पर ध्यान दें, क्या है। देश में बेरोजगारी, गरीबी, और महंगाई है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। सरकार तो सिर्फ राशन बांटकर खुश है। उनके घर का क्या हुआ, रोजगार का क्या हुआ, शिक्षा और चिकित्सा का क्या हुआ, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए।
परिवारवाद को लेकर तेजस्वी यादव ने एनडीए को घेरते हुए कहा कि पीएम मोदी परिवारवाद की बात करते हैं। उन्हें बिहार आकर देखना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि 'जमाई आयोग' बना दिया है, तो 'जीजा आयोग' भी बना दीजिए। अधिकारी लोग अपनी धर्मपत्नी को एडजस्ट करने में लगे हुए हैं।
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि जो चुनाव नहीं जीतते, वही प्रवचन देने चले हैं। खुद किसी कोटे से हैं, बेटी दूसरे कोटे से और दामाद तीसरे कोटे से हैं। यह तो अद्भुत है। सच में टैलेंट है।
उन्होंने कहा कि एनडीए में सब कुछ अस्त-व्यस्त है। खुद सत्तारूढ़ दलों के नेता आपस में बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे साफ है कि अंदरूनी स्थिति ठीक नहीं है।
बिहार में एयरपोर्ट निर्माण को लेकर कैबिनेट के फैसले पर उन्होंने कहा कि कई हवाई अड्डे बनाने का निर्णय हमारी सरकार ने 2015 में लिया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एयरपोर्ट का निर्माण करने से कुछ नहीं होगा। सरकार ने कहा था कि चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा करेगा, लेकिन आज हवाई किराए आसमान छू रहे हैं। केंद्र सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।