क्या जंगलराज बिहार में फिर से लौट सकता है? नीतीश कुमार के नेतृत्व में कानून का राज : वीरेंद्र सिंह

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में कानून का राज कायम है।
- राजद का विवादास्पद नारा चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा।
- नीतीश कुमार लगातार तरक्की के लिए प्रयासरत हैं।
- भाजपा का हमलावर रुख चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
- तेजस्वी यादव को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। राजद नेता रंजीत यादव की उपस्थिति में "भूरा बाल साफ करो" का नारा लगाए जाने के बाद भाजपा ने हमलावर रुख अपनाया है। इस नारे को समाज की चुनिंदा जातियों के खिलाफ समझा जा रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा है और राजद बिहार को फिर से 2005 से पहले के समय में ले जाना चाहता है। उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि उनकी ट्रेन बहुत पहले निकल चुकी है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह का बयान दिया गया, वह समाज के लिए अच्छा नहीं है। लालू प्रसाद यादव इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर 15 साल तक सत्ता में बने रहे।
तेजस्वी यादव की नीतियों पर सवाल उठाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कानून का राज की सराहना करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में सब कुछ अच्छे से चल रहा है। कानून का राज है। लेकिन, गलत भाषा का इस्तेमाल करके वह जनता की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर दलितों और हाशिए पर मौजूद समुदायों की। इसलिए माफी मांगना जरूरी है, खासकर उन लोगों से जिन्होंने यह टिप्पणी की है। एक नेता होने के नाते तेजस्वी यादव को इस बारे में बोलना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से एक गलती थी, और जिम्मेदार लोगों को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार तरक्की कर रहा है। 2005 के बाद नीतीश कुमार लगातार बिहार की तरक्की के लिए प्रयासरत हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ गया है। राजद आज भी 1990 के दशक में बिहार को दोबारा ले जाना चाहता है, जो संभव नहीं है। बिहार की जनता डबल इंजन की सरकार के साथ विकास की ओर देख रही है।
"भूरा बाल साफ करो" वाले बयान पर राजद ने भी पल्ला झाड़ लिया है और कहा कि उनका इस बयान से कुछ भी लेना-देना नहीं है। लेकिन, राजनीति से जुड़े विशेषज्ञ मान रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में यह बयान राजद के लिए नुकसान करने वाला है।