क्या कश्मीर में आतंकवादी घुसने का मामला गंभीर है? - अबू आजमी

सारांश
Key Takeaways
- कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं।
- सरकार के निर्णयों से जनता में संदेह बढ़ रहा है।
- आतंकवाद के खिलाफ उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।
- महाराष्ट्र में हालात भी चिंताजनक हैं।
मुंबई, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने आतंकवाद, राजनीति और देश की वर्तमान स्थिति पर गहन सवाल उठाए हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कश्मीर में हुए आतंकी हमले और इसके बाद की कार्रवाई पर अपनी हैरानी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर कश्मीर जैसे सुरक्षा वाले क्षेत्र में, जहां पर्यटकों की जांच सख्त होती है, आतंकवादी कैसे घुस आए और वारदात को अंजाम देकर भाग गए? जब यह घटना घटित हुई, तो कहा गया कि आतंकी पाकिस्तान से आए हैं। इसके बाद भारत की 140 करोड़ जनता ने सरकार के साथ खड़े होकर पाकिस्तान के खिलाफ जंग का समर्थन किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद सीजफायर लागू कर दिया गया और अब भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की चर्चा भी चल रही है।
आजमी ने यह सवाल भी उठाया कि क्या देश में कोई खेल चल रहा है? हाल ही में तीन आतंकी मारे गए, जो पाकिस्तान से आए थे, लेकिन अगर इनमें से कोई पकड़ा जाता, तो शायद सच्चाई सामने आती कि वे कहां से आए और उनका क्या मकसद था। पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम का बयान कि आतंकी पाकिस्तान से नहीं आए, लोगों को और भ्रमित कर रहा है। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है।
आजमी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि जब जनता पाकिस्तान के खिलाफ जंग की मांग करती है, तो सरकार सीजफायर कर देती है और फिर पाकिस्तान के साथ मैच की तैयारी करती है। आखिर कौन पाकिस्तान के साथ खड़ा है, क्योंकि देश की जनता कभी भी पाकिस्तान का साथ नहीं देगी। ऐसे निर्णय जनता में संदेह पैदा कर रहे हैं।
इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र के हालात पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला आने वाला है। यह ब्लास्ट मुहर्रम के दिन हुआ था, जो मुसलमानों के लिए एक विशेष दिन होता है। उस दिन लोग अल्लाह से दुआ मांगते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। लेकिन उस दिन कब्रिस्तान में हुए ब्लास्ट में 35-40 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। जांच में सभी आरोपी मुसलमान निकले, जो हैरान करने वाला है। मुसलमान ही मर रहे हैं, मस्जिद में ब्लास्ट हो रहा है और मुसलमान ही दोषी ठहराए जा रहे हैं, यह समझ से परे है।