क्या 'जी राम जी' के जरिए केंद्र सरकार देश को राम के भरोसे छोड़ना चाहती है?: डिंपल यादव
सारांश
Key Takeaways
- डिंपल यादव ने 'जी राम जी' विधेयक का विरोध किया है।
- भाजपा पर आरोप लगाया गया है कि वह लोगों को भगवान राम की दया पर छोड़ना चाहती है।
- प्रदूषण के मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने केंद्र सरकार के 'जी राम जी' विधेयक को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा इस विधेयक के माध्यम से देश के सभी नागरिकों, युवाओं, किसानों और महिलाओं को भगवान राम की कृपा पर छोड़ने का प्रयास कर रही है। यह एक प्रकार से महात्मा गांधी का अपमान है।
नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मनरेगा गांव-गांव तक पहुंची थी, भाजपा को इसमें नया कुछ नहीं करना था, लेकिन उसे केवल प्रचार में राम का उपयोग करना है। यह पूरी तरह से अनुचित है। यह गलत है।
सपा सांसद आरके चौधरी द्वारा 'शव जलाने और होलिका दहन से वायु प्रदूषण' पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए डिंपल यादव ने कहा कि हमें प्रदूषण को गंभीरता से लेना चाहिए। हम हर बार किसानों पर आरोप नहीं लगा सकते। दिल्ली और केंद्र में भाजपा की सरकार है। प्रदूषण के मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे बच्चों और बुजुर्गों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और दीपेंद्र हुड्डा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर अपनी बात रखी। शशि थरूर ने कहा कि हम एक लोकतंत्र हैं और हमारे पास अपने विचार व्यक्त करने के कई तरीके हैं। हमें बांग्लादेश में शांति बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता उस देश के हित में नहीं है और कुछ ताकतें इसका इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए कर रही हैं, जिनमें भारत-विरोधी ताकतें भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत की दोस्ती महत्वपूर्ण है। 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के समय भारत ने इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सत्र की समाप्ति पर इस पर चर्चा नहीं की गई। मैंने प्रयास किया, लेकिन सरकार को वायु प्रदूषण की समस्या का कोई एहसास नहीं है।