क्या दुनिया को अप्रतिम स्वाद से परिचित कराना हमारा दायित्व नहीं है? मुख्यमंत्री योगी की जनता से अपील
सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ को यूनेस्को का 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा मिला।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक जिला-एक व्यंजन' की अपील की।
- यह पहल हमारे खान-पान को वैश्विक पहचान दिलाने का अवसर है।
- सोशल मीडिया पर व्यंजनों को साझा करने से संस्कृति की पहचान बढ़ेगी।
- यह पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक माध्यम है।
लखनऊ, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब राजधानी लखनऊ को यूनेस्को के 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' के रूप में मान्यता मिली, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से 'एक जिला-एक व्यंजन' पर जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दुनिया को अप्रतिम स्वाद से परिचित कराना हमारी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने एक संदेश में कहा, "लखनऊ को यूनेस्को द्वारा 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा दिया गया है। यह सम्मान न केवल लखनऊ, बल्कि उत्तर प्रदेश के विविधता से भरे खान-पान का वैश्विक सम्मान है। हर जनपद अपने अनूठे स्वाद के साथ संस्कृति, गौरव और इतिहास को जीवंत करता है।"
मुख्यमंत्री ने लखनऊ की चाट, बनारस की मलइयो, मेरठ की गजक, बांदा का सोहन हलवा, इटावा के मट्टे के आलू, बागपत की बालूशाही, आगरा का पेठा, मथुरा का पेड़ा, मुरादाबादी दाल और खुर्जा की खुरचन जैसे व्यंजनों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह 'स्वादिष्ट सूची' बहुत लंबी है। प्रत्येक व्यंजन का अपना अलग स्वाद और गौरवशाली इतिहास है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने आस-पास के स्वाद के संसार की यात्रा पर निकलें और घर में बने व्यंजनों के साथ चित्र या वीडियो लें। इसे 'एक जिला-एक व्यंजन' के साथ सोशल मीडिया पर साझा करें। सीएम योगी ने कहा कि हमारे भोजन और व्यंजनों के प्रति यह प्रेम, हमारी समृद्ध खान-पान परंपरा को देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाकर पर्यटन की नई तरंग का स्रोत बनेगा।
यूनेस्को ने 31 अक्टूबर को अपने क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में इस साल 58 नए शहरों को शामिल करने के साथ लखनऊ को 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा देने की घोषणा की। 2019 में हैदराबाद के बाद, लखनऊ यूसीसीएन की गैस्ट्रोनॉमी श्रेणी में शामिल होने वाला दूसरा भारतीय शहर बन गया है।
यह सम्मान उन शहरों को मिलता है जो अपनी खानपान परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार से विश्व को प्रेरित करते हैं। यह घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित यूनेस्को की 43वीं जनरल कॉन्फ्रेंस में 'वर्ल्ड सिटीज डे' के अवसर पर की गई।