क्या मध्य प्रदेश के हर ब्लॉक में बनेगा आदर्श वृंदावन गांव? - सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- हर विकासखंड में बनेगा आदर्श वृंदावन गांव।
- 90 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।
- गोपालकों को मिलेंगे अनुदान।
- गाय का दूध अमृत के समान।
- कृषि और दुग्ध उत्पादन में मध्य प्रदेश को आगे बढ़ाना।
भोपाल, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिंगल क्लिक से 90 करोड़ की राशि ट्रांसफर की। इस अवसर पर उन्होंने गो पालकों के लिए कई घोषणाएं कीं। इसके साथ ही ऐलान किया गया कि मध्य प्रदेश के हर विकासखंड में एक आदर्श वृंदावन गांव बनाया जाएगा।
राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सरकार गायों और गौशालाओं के साथ किसानों को समृद्ध करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि राज्य के हर ब्लॉक में एक आदर्श वृंदावन गांव स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास को गोपालकों का निवास बताते हुए कहा कि जहां गाय होती हैं, वहां 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास होता है। जिस घर में गाय होती है, वह घर गोपाल का घर कहलाता है। ऐसा माना गया है कि धरती पर जहां गाय और गोपाल हैं, वहीं साक्षात स्वर्ग है। हमें जन्म भले ही हमारी मां ने दिया हो, लेकिन जन्म के बाद गौ माता की कृपा आरंभ होती है। हमारे घरों में जब पहली रोटी बनती है, तो वह गौ माता के लिए होती है। यही हमारी सनातन परंपरा है।
मुख्यमंत्री यादव ने देश में आ रहे बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है और पूरा विश्व इसे देख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है। सुशासन और देशी गौ नस्लों को बढ़ावा देने के उनके प्रयास आज पूरी दुनिया देख रही है। मुख्यमंत्री ने गाय के महत्व को बताते हुए कहा, हमारी परंपरा में गोधूलि बेला का विशेष महत्व है। विवाह के लिए यदि कोई अन्य मुहूर्त न भी मिले, तो गोधूलि बेला स्वयं एक पवित्र मुहूर्त बन जाती है। यह हमारी हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। दुर्भाग्यवश गांव और गाय का जो प्राचीन संबंध था, उसे योजनाबद्ध रूप से कमजोर करने का प्रयास किया गया। अब समय आ गया है कि हम अपनी उस पहचान को पुनर्स्थापित करें।
राज्य में कृषि को बढ़ावा देने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि उत्पादन में अग्रणी है। अब हमारा लक्ष्य है कि हम दुग्ध उत्पादन में भी देश में नंबर एक बनें और मध्य प्रदेश को 'दूध की राजधानी' बनाया जाए। मध्य प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था में दूध का विशेष महत्व है, जिसे हम स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम गाय का दूध खरीदेंगे और किसानों की सद्भावना का सम्मान करेंगे। गौ माता का दुग्ध अमृत के समान है।
राज्य सरकार द्वारा गोपालन को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 20 रुपए प्रति गौ माता प्रतिदिन की सहायता राशि को बढ़ाकर 40 रुपए कर दिया गया है। गोपालन की योजनाओं में 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। यदि आप 40 लाख की गायें दुग्ध उत्पादन के लिए लाते हैं, तो सरकार 10 लाख का अनुदान देगी। प्रदेश में यदि राजमार्गों पर कहीं भी बेसहारा, अपाहिज या वृद्ध गौ माता मिलेंगी, तो उन्हें सम्मानपूर्वक गौशालाओं में पहुंचाया जाएगा। राज्य स्तरीय सम्मेलन में आचार्य विद्यासागर जीव दया गौ सेवा सम्मान के माध्यम से 7 गौशालाओं को पुरस्कृत किया गया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना में 3 हितग्राहियों को स्वीकृति पत्रों के साथ नई गौशालाओं के पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। 90 करोड़ की राशि एक ही क्लिक में सभी हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है।