क्या मनरेगा का नाम बदलना कांग्रेस पर भाजपा का हमला है?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदलना एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
- कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा केवल रीपैकेजिंग कर रही है।
- यह योजना ग्रामीण रोजगार और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
बेलगावी, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत–जी राम जी' किए जाने पर विपक्ष ने सरकार पर लगातार आक्षेप किया है। इसी संदर्भ में कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कोई नया कार्य नहीं कर रही है, बल्कि यूपीए सरकार के पुराने कार्यों को नए नाम से प्रस्तुत कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
अजय सिंह ने कहा कि भाजपा की सभी गतिविधियां केवल रीपैकेजिंग पर निर्भर हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो योजनाएं कांग्रेस और यूपीए सरकार के समय में शुरू की गई थीं, उन्हें नए नाम से पेश किया जा रहा है, ताकि जनता को लगे कि सरकार कुछ नया कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि जमीन पर कुछ भी नया नहीं है।
उन्होंने मनरेगा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत के लिए बनाई गई थी। इसका उद्देश्य गांवों में रोजगार उपलब्ध कराना, विकास करना और गरीबों को सहायता देना था। यह एक प्रकार का पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रारंभ किया और इसे महात्मा गांधी के नाम से जोड़ा गया, क्योंकि गांधी जी की सोच गांव, गरीब और आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी थी।
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि ये वही लोग हैं जो महात्मा गांधी की हत्या की विचारधारा से जुड़े रहे हैं और अब वही लोग उनके नाम को योजनाओं से हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले गांधी जी के नाम का विरोध किया गया, अब धीरे-धीरे उनका नाम मिटाने की कोशिश हो रही है। मनरेगा से गांधी जी का नाम हटाना इसी सोच का हिस्सा है।
अजय सिंह ने सवाल उठाया कि मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत–जी राम जी' रखने की क्या आवश्यकता थी? उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास है। नाम बदलने से न तो योजना की आत्मा बदलती है और न ही जमीनी सच्चाई। यह केवल जनता का ध्यान भटकाने का एक तरीका है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा हर चीज का राजनीतिकरण कर रही है। योजनाएं, नाम और इतिहास सभी को बदला जा रहा है। लेकिन देश की जनता अब सब कुछ समझ चुकी है। लोग देख रहे हैं कि कैसे पुराने कार्यों को नए पैकेट में पेश करने का प्रयास किया जा रहा है।
अजय सिंह ने यह भी बताया कि कांग्रेस इस निर्णय को चुपचाप स्वीकार नहीं करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस मुद्दे पर एकजुट हैं और आगे आंदोलन की योजना बनाई जा रही है।