क्या जनता के हित में मनरेगा योजना में बदलाव किया गया है? भाजपा नेता बी. वाई. विजयेंद्र
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा योजना में बदलाव श्रमिकों के हित में हैं।
- केंद्र सरकार का योगदान जारी रहेगा।
- राज्य सरकार को विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- राजनीतिक स्वार्थ से जनता का ध्यान भटकाना उचित नहीं है।
- साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
बेंगलुरु, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा है कि मनरेगा योजना में किए गए बदलाव श्रमिकों के हित को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इस योजना के संशोधनों में जनता का हित सर्वोपरि है, और इसके लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया गया है। फिर भी, कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसे अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि इस योजना में जो भी परिवर्तन हुए हैं, उनका मुख्य उद्देश्य जनता का लाभ है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार का योगदान जारी रहेगा, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
भाजपा नेता ने कहा कि यह निंदनीय है कि कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार ने मनरेगा के नाम परिवर्तन को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं। ऐसी स्थिति को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार को आरोप लगाने के बजाय विकास के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह दुखद है कि सरकार अपनी कमियों को स्वीकार करने से बच रही है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी। ऐसे में राज्य सरकार को दोषारोपण की राजनीति छोड़कर प्रदेश के विकास में योगदान देने के बारे में सोचना चाहिए। यह खेदजनक है कि राज्य सरकार में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि सिद्दारमैया की सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति से प्रदेश के लोग अब थक चुके हैं। सरकार को प्रदेश में विकास कार्य करने चाहिए थे, लेकिन इसके विपरीत यह अल्पसंख्यकों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।