क्या नए श्रम कोड ने महिलाओं को बराबरी का हक देने में मदद की है?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को बराबरी का वेतन
- 40 करोड़ कामगारों को सोशल सिक्योरिटी
- ओवरटाइम पर डबल वेतन
- फ्री हेल्थ चेकअप सुविधा
- सामाजिक सुरक्षा का विस्तार
सूरजपुर, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मोदी सरकार का नया श्रम कोड देश में लागू किया गया है। सरकार का दावा है कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परिवर्तन देश की रोजगार और औद्योगिक व्यवस्था को एक नई पहचान देने का अवसर प्रदान कर सकता है। इसके अंतर्गत 40 करोड़ कामगारों को सोशल सिक्योरिटी कवरेज दिया जाएगा, यानी कि देश की आधी से अधिक वर्कफोर्स को पहली बार सुरक्षा के दायरे में लाया गया है।
सरकार ने लगभग 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़े बदलाव की घोषणा की है। इसमें ग्रेच्युटी, ओवरटाइम के साथ-साथ फ्री हेल्थ चेकअप जैसी सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। नए श्रम कानून के तहत 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी कर्मचारियों को फ्री हेल्थ चेकअप का लाभ मिलेगा।
नए श्रम कानून पर सूरजपुर की डॉक्टर स्नेहलता का कहना है कि इस कानून में महिलाओं को बराबर वेतन देने की बात की गई है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को फ्री स्वास्थ्य सुविधा दी गई है। ओवरटाइम पर डबल वेतन की भी सुविधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम का मैं दिल से स्वागत करती हूं।
निर्मल राजवाड़े ने कहा कि नए श्रम कानून से हेल्थ सेक्टर में काफी लाभ होगा। स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं पहले सरकारी क्षेत्रों के लिए थीं, लेकिन अब यह प्राइवेट सेक्टर में भी लागू हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सराहनीय है और सभी को इसका लाभ मिलेगा। महिलाओं को भी बराबरी का हक मिलेगा।
जितेंद्र साहू ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी का धन्यवाद कि उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए यह दूरदर्शी कानून लाए। उनका यह ऐतिहासिक कदम देश के श्रमिकों को पेंशन और स्वास्थ्य सुरक्षा का कवच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने वाली क्रांतिकारी पहल है। हम इस कानून का स्वागत करते हैं और उन्हें धन्यवाद कहते हैं।
ओंकार पांडेय ने कहा कि यह कानून श्रमिकों के हित में है। जैसे, श्रमिकों को अब डबल ड्यूटी करने पर डबल लाभ मिलेगा। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मेडिकल की सुविधा मिलेगी। पहले यह सिर्फ सरकारी सेक्टर के लोगों को मिलता था, लेकिन अब प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।