क्या नीतीश कुमार के कार्यकाल में कोई जातीय या धार्मिक दंगा नहीं हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार के कार्यकाल में कोई जातीय दंगा नहीं हुआ।
- बिहार में सड़कों और बिजली की उपलब्धता में सुधार हुआ है।
- मतदाताओं से एनडीए के पक्ष में मतदान करने की अपील।
- कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है।
- बिहार में सुशासन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
गया, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में आज प्रथम चरण के लिए मतदान हो रहा है। पहले चरण में राज्य की 121 सीटों पर वोटिंग चल रही है। इस दौरान, केंद्रीय मंत्री और 'हम' के संस्थापक जीतन राम मांझी ने मतदाताओं से जंगलराज के खिलाफ एनडीए के पक्ष में मतदान करने की अपील की है।
जीतन राम मांझी ने बताया कि नीतीश कुमार ने बिहार में निष्पक्षता से शासन किया है और राज्य में विकास की गति तेज हुई है। पहले, जब हम इस क्षेत्र में रहते थे, तब दिन में केवल ६-७ घंटे बिजली मिलती थी, जबकि अब बिहार को २३-२४ घंटे बिजली उपलब्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में सड़कों का जाल फैला दिया है। पहले गया से पटना जाने में ४-५ घंटे लगते थे, अब यह यात्रा मात्र सवा घंटे में पूरी होती है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बेहतरीन सुधार हुए हैं।
मांझी ने कहा कि यह सब दर्शाता है कि बिहार में सुशासन है। यह सुशासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वजह से संभव हुआ है। इसलिए हम मतदाताओं से आग्रह करते हैं कि वे एनडीए के पक्ष में मतदान करें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राजद के शासन में बिहार जिस तरह जंगलराज और माफिया राज का शिकार हुआ था, वह जनता नहीं भूली है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास की ओर कदम बढ़ाए हैं। इसलिए हम मतदाताओं से एनडीए के पक्ष में वोट देने की अपील करते हैं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में कोई जातीय दंगा या धार्मिक अशांति नहीं हुई। कानून-व्यवस्था भी नियंत्रण में रही है। मोकामा में एक घटना हुई, तब भी हमने अपने पक्ष के लोगों को जेल में डालने में संकोच नहीं किया। नीतीश कुमार का सिद्धांत है कि वे किसी को न तो फंसाते हैं और न ही गलत तरीके से बचाते हैं।