क्या पहले बेंगलुरु का सामान यूरोप से होकर हैदराबाद पहुंचता था? पीएम ने जीएसटी सुधारों की अहमियत बताई

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधारों से व्यापार में सुधार होगा।
- नई पीढ़ी के टैक्स स्लैब का कार्यान्वयन।
- आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
- हर राज्य को समान भागीदार बनाने का प्रयास।
- रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि रविवार से शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। नवरात्रि के पहले दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, व्यापार करने में आसानी बढ़ाएंगे, अधिक निवेश आकर्षित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि देश के विकास में हर राज्य बराबर का भागीदार बने। उन्होंने बताया कि जब 2017 में भारत ने जीएसटी रिफॉर्म की दिशा में कदम बढ़ाया था, तब एक पुराना इतिहास बदलने की शुरुआत हुई थी। दशकों तक जनता और व्यापारी अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे। उस समय हमारे देश में कई तरह के टैक्स थे।
उन्होंने कहा कि उस समय एक शहर से दूसरे शहर माल भेजने के लिए कई चेकपोस्ट पार करने पड़ते थे और अनेकों फॉर्म भरने पड़ते थे। हर जगह टैक्स के अलग-अलग नियम थे। मुझे याद है कि जब 2014 में देश ने मुझे प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौंपा था, तब एक विदेशी अखबार में एक कंपनी की मुश्किलों का जिक्र था। उस कंपनी ने कहा था कि उसे बेंगलुरु से 570 किलोमीटर दूर हैदराबाद अपना सामान भेजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि कंपनी पहले अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेजती थी और फिर वही सामान यूरोप से हैदराबाद पहुंचता था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैक्स और टोल के जंजाल की वजह से ये हालात बने थे और मैं आपको केवल एक पुराना उदाहरण याद दिला रहा हूं। तब लाखों कंपनियों और करोड़ों देशवासियों को अलग-अलग टैक्स के कारण रोज परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सामान को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाने में जो खर्च बढ़ते थे, वो आम आदमी को उठाने पड़ते थे। वो आप जैसे ग्राहकों से वसूला जाता था। देश को इस स्थिति से बाहर निकालना बहुत जरूरी था। जब आपने 2014 में हमें मौका दिया, तो हमने जनहित और देशहित में जीएसटी को प्राथमिकता दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है जो समय और देश की जरूरतों के अनुसार बदलती रहती है। देश की प्रगति के साथ नई पीढ़ी के सुधार आवश्यक हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए और वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य की आकांक्षाओं को देखते हुए, जीएसटी प्रणाली में नए सुधार किए गए हैं। नए सिस्टम में केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब लागू होंगे, जिससे रोजमर्रा की आवश्यक चीजें सस्ती हो सकेंगी।