क्या 'पिंडदान' जैसी भाषा राष्ट्रीय जनता दल को शोभा देती है?: अशोक चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- अशोक चौधरी का बयान राजद की भाषा पर सवाल उठाता है।
- पीएम मोदी का बिहार दौरा विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- लालू का पिंडदान बयान राजनीतिक विवाद का कारण बना।
- बिहार के विकास के लिए नई योजनाएं लाए जाएंगे।
- राजद की पहचान उनकी विवादास्पद भाषा से है।
पटना, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के 'पिंडदान' संबंधी बयान पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की भाषा का उपयोग लालू जी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कर रहे हैं, वह संकेत देती है कि ऐसी सोच केवल राजद की हो सकती है।
मंत्री अशोक चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा पीएम मोदी के बिहार दौरे पर नीतीश कुमार को निशाना बनाने के बयान पर प्रहार किया। लालू जी ने कहा था कि पीएम मोदी गया जी में नीतीश कुमार की राजनीति का 'पिंडदान' करने आ रहे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि पिंडदान जैसी भाषा केवल राजद को ही उपयुक्त लगती है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह भाषा राष्ट्रीय जनता दल की पहचान है। उन्होंने इसे 'चरवाहा विद्यालय', 'लाठी पिलायन तेल घुमावन', और मुख्यमंत्री आवास में 'लौंडा नाच' जैसे संदर्भों के जरिए स्पष्ट किया।
अशोक चौधरी ने पीएम मोदी के बिहार आगमन को प्रदेश के विकास के लिए सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि जब मोदी पीएम बने थे, तब देश आर्थिक दृष्टि से 11वें स्थान पर था, और अब उनकी अगुवाई में यह 5वें स्थान पर पहुँच चुका है। बिहार के विकास के लिए मोदी जी की प्रतिबद्धता स्पष्ट है।
बता दें कि पीएम मोदी बिहार दौरे के दौरान 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई एनडीए नेता शामिल होंगे।
मगध विश्वविद्यालय में पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर लाखों लोग पहुंचे हैं। लोगों का मानना है कि पीएम मोदी जब भी बिहार की धरती पर आते हैं, तो वो ढेर सारी सौगातें लेकर आते हैं।
पीएम की ओर से शुभारंभ की जाने वाली परियोजनाओं में बिहार के विकास के लिए प्रमुख बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं।
एनडीए ने पीएम मोदी के बिहार दौरे को 'विकास यात्रा' का हिस्सा बताते हुए कहा है कि यह बिहार के विकास के प्रति उनकी वास्तविक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।