क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने अर्थव्यवस्था में लंबी छलांग लगाई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने 2014 से अब तक आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत चौथे स्थान पर पहुँच गया है।
- आर्थिक मंदी के बावजूद, भारत की इकोनॉमी ने स्थिरता दिखाई है।
- प्रतुल शाहदेव ने भगवान राम पर विवादास्पद टिप्पणियों की आलोचना की है।
- राजनीति में हर चीज को उचित नहीं माना जाना चाहिए।
रांची, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत के आर्थिक संरचना में अभूतपूर्व बदलाव की बात की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के इस बयान का समर्थन किया और भारत के आर्थिक विकास की सराहना की।
प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "भारत ने पीएम मोदी के अद्भुत नेतृत्व में अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण उछाल हासिल किया है। जब हमें 2014 में देश का नेतृत्व सौंपा गया, तब हम दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, और अब हम चौथे स्थान पर पहुँचने की ओर अग्रसर हैं। यह कोई साधारण सफलता नहीं है। पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी का प्रभाव है, लेकिन फिर भी हम तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पिछले विकास दर 8.2 प्रतिशत का रहा, जो वैश्विक स्तर पर चौंकाने वाला था। यूरोप के देशों की स्थिति चिंताजनक है। अमेरिका की विकास दर हमारे स्तर को नहीं छूती। हालांकि वे बड़ी इकोनॉमी हैं, लेकिन उनका असर कम है। भारत ने अपनी पूरी आर्थिक संरचना में बदलाव किया है।"
टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) विधायक मदान मित्रा द्वारा भगवान राम को मुस्लिम बताने पर प्रतुल शाहदेव ने तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "ऐसे घटिया विचारधारा वाले लोगों पर प्रतिक्रिया देना भी शर्मनाक है। भगवान राम का इतिहास हजारों साल पुराना है, जबकि इस्लाम का इतिहास 1,400 वर्ष पुराना है। प्रभु श्रीराम सनातन आस्था के प्रतीक हैं, उन्हें मुसलमान बताया जा रहा है। उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्हें इलाज की आवश्यकता है और रांची के पागलखाने आ जाना चाहिए।"
बिहार में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला का हिजाब हटाने वाली घटना पर प्रतुल शाहदेव ने कहा, "नीतीश कुमार जिस आयु के हैं और जिस आयु की वह बिटिया थी, तो ऐसे में दोनों के बीच दादा-पोती का रिश्ता कहा जा सकता है। नीतीश कुमार केवल आशीर्वाद देने के लिए चेहरे को देख रहे थे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। नीतीश कुमार लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं और अब तक किसी ने उनके चरित्र पर उंगली नहीं उठाई। हर चीज में राजनीति करना उचित नहीं है।"