क्या राहुल गांधी के 'हाइड्रोजन बम' वाले बयान पर मांझी का तंज सही है?

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क्या राहुल गांधी के 'हाइड्रोजन बम' वाले बयान पर मांझी का तंज सही है?

सारांश

क्या राहुल गांधी के 'हाइड्रोजन बम' वाले बयान पर जीतन राम मांझी का तंज सही है? जानें इस विवाद में क्या है सच और राजनीति में इसका क्या प्रभाव होगा।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी का 'एटम बम' और 'हाइड्रोजन बम' बयान राजनीतिक चर्चा का विषय बना।
  • जीतन राम मांझी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
  • भ्रष्टाचार और राजनीति पर दोनों नेताओं के दृष्टिकोण भिन्न हैं।
  • यह विवाद बिहार की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
  • चुनावों के नज़दीक यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।

पटना, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए 'एटम बम' और 'हाइड्रोजन बम' के बयान पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 'एटम बम' फोड़ने से क्या हासिल हुआ, एक चींटी भी नहीं मरी? 'हाइड्रोजन बम' का भी वही हाल होगा, यह कोई मुद्दा नहीं है।

पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने एसआईआर के संबंध में कहा, "यह एक सतत प्रक्रिया है। मृत व्यक्तियों के नाम कट रहे हैं और जिनका नाम नहीं था, उनका नाम जुड़ रहा है। संविधान के अनुसार, जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए, उनका नाम कट रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "जो लोग यहाँ की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग यहाँ के वोटर नहीं हैं, उन्हें वोटर बनाकर लोकप्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं, यह उनकी कुत्सित चाल है, 2025 में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ बिहार की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। भ्रष्टाचारी अधिकारी भ्रष्टाचारी ही रहेंगे, चाहे वे कहीं भी हों। लेकिन, एक बात तो माननी पड़ेगी कि नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं किया है। अधिकारी पकड़े जा रहे हैं।

पिछले दिनों भी जीतन राम मांझी ने विपक्षी दलों, विशेषकर राजद, पर जोरदार जवाब दिया था। कुछ समय पहले उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी कटाक्ष किया था।

उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव खुद को बहुत बड़ा समझ रहे हैं, लेकिन आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता उन्हें सही स्थान दिखाने का काम करेगी। उनकी सोच जंगलराज की है। 2005 से पहले उनके पिता लालू प्रसाद यादव के शासन में बिहार में जंगलराज था। क्या लड़कियों को साइकिल और पोशाक दी गई थी? होमगार्ड को वेतन और 13 महीने का भुगतान नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुआ।"

उन्होंने नीतीश कुमार सरकार की सराहना करते हुए कहा, "सारा विकास कार्य हमारी सरकार कर रही है, लेकिन तेजस्वी यादव झूठ बोलकर श्रेय लेने की कोशिश करते हैं।"

Point of View

बल्कि यह बिहार की राजनीतिक स्थिति और चुनावी माहौल को भी प्रभावित करता है। एक ओर, जहां राहुल गांधी ने बम के प्रतीक का उपयोग किया, वहीं मांझी ने इसे नकारते हुए अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत किया। यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे चुनावी राजनीति में शब्दों का खेल महत्वपूर्ण होता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी का बयान क्या था?
राहुल गांधी ने 'एटम बम' और 'हाइड्रोजन बम' के संदर्भ में बयान दिया, जिसे जीतन राम मांझी ने चुनौती दी।
जीतन राम मांझी ने क्या कहा?
जीतन राम मांझी ने कहा कि 'एटम बम' के फोड़ने से एक भी चींटी नहीं मरी, 'हाइड्रोजन बम' का भी यही हाल होगा।
इस विवाद का चुनावी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह विवाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों नेताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।