क्या राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और पूरे देश का अपमान किया? : शाइना एनसी

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और देश का अपमान किया।
- वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी विमानों को मार गिराने की पुष्टि की।
- कांग्रेस पार्टी पर पाकिस्तान की प्रवक्ता बनने का आरोप।
मुंबई, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना की नेता शाइना एनसी ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान किया है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के इस कथन पर कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया, शाइना एनसी ने कहा कि चाहे ऑपरेशन सिंदूर हो या ऑपरेशन महादेव, राहुल गांधी ने हमेशा न केवल प्रधानमंत्री, बल्कि पूरे देश का अपमान किया है। उन्होंने वायुसेना का भी अपमान किया है। जब वायुसेना प्रमुख कहते हैं कि उन्होंने पांच पाकिस्तानी विमान मार गिराए, तो यह एक सार्वजनिक सत्य है। जब तक राहुल गांधी इस सत्य को स्वीकार नहीं करते, तब तक जनता उन्हें न तो स्वीकार करेगी और न ही उनका सम्मान करेगी।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि असल में कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान की प्रवक्ता बन गई है, क्योंकि वह पाकिस्तान की हर बात मान लेती है, लेकिन भारत सरकार की बात मानने से इनकार करती है। यहां सेना, नौसेना और वायुसेना ने भारत को सुरक्षित रखने के लिए असाधारण काम किया है। अगर आप बिना किसी ठोस सबूत के बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, तो आपकी मानसिकता पूरी तरह साफ हो जाती है।
शाइना एनसी ने चुनाव आयोग पर शरद पवार के आरोपों पर कहा कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं। जब दो लोग उनसे मिलने आते हैं, तो वह उनका नाम तक नहीं लेते और उन्हें राहुल गांधी के पास भेज देते हैं। इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं कि इन दो लोगों ने चुनाव के नतीजे तय किए। क्या यह किसी फिल्म की पटकथा है? लोकतंत्र का सार यही है कि चुनाव आयोग अपना काम करे। बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करें। अगर आपकी कोई शिकायत है तो चुनाव आयोग या कोर्ट में जाना पड़ेगा।
उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि राहुल गांधी किसी बादशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव होने के आठ महीने बाद उन्होंने अचानक आपत्ति जताई, जबकि लोकसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। उन्हें समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनादेश सर्वोच्च होता है और जैसा कि कहा जाता है, जीतने वाला ही सब कुछ जीतता है। अगर उन्हें आरोप लगाना है तो चुनाव आयोग के प्रति उनकी लिखित शिकायत कहां है। बेबुनियादी आरोप लगाना इस प्रजातंत्र में लोग स्वीकार नहीं करेंगे।