क्या राहुल गांधी ने विदेश में जाकर भारत को बदनाम किया है? - शहजाद पूनावाला
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी विदेश में भारत के खिलाफ बयान देते हैं।
- भाजपा ने उन्हें 'प्रोपेगेंडा का नेता' कहा।
- ईवीएम पर उनकी टिप्पणियों को राजनीतिक एकजुटता ने खारिज किया।
- अदालतों ने ईवीएम के पक्ष में फैसले दिए हैं।
- कांग्रेस के बयानों का राजनीतिक महत्व है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे विदेश में जाकर भारत की बदनामी कर रहे हैं। उन्होंने राहुल को ''प्रोपेगेंडा का नेता'' कहा और उन पर विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आदत बन गई है कि वे विदेश यात्रा के दौरान अपने देश को बदनाम करने के लिए उल्टा-सीधा बयान देते हैं। उन्होंने कहा, ''आईएनसी अब एंटी-नेशनल कांग्रेस बन गई है।''
उन्होंने कहा, ''यह देश विरोधी कांग्रेस है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता नहीं हैं, वे वास्तव में 'प्रचार के नेता', 'पर्यटन के नेता', और 'पलायन के नेता' बन गए हैं।'' बांग्लादेशी पत्रकारों से उनकी मुलाकातों की भी उन्होंने चर्चा की।
बर्लिन में राहुल गांधी के भारत-विरोधी बयान का जिक्र करते हुए, शहजाद ने कहा कि राहुल ने कहा कि संसद चुनावों के लिए प्रयोग होने वाली ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) खराब थीं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद उनके पार्टी के नेता ईवीएम को सही बता रहे हैं।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस जब जीतती है तो ईवीएम को सही बता देती है, और जब हारती है तो ईवीएम पर आरोप लगाती है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने राहुल गांधी के बयानों को खारिज किया है, जो यह दर्शाता है कि ईवीएम सही तरीके से काम कर रही है।
शहजाद ने कहा, ''झारखंड और तेलंगाना में ईवीएम ठीक से काम कर रही थीं, लेकिन जब भी कांग्रेस हारती है, तब वे सिस्टम पर आरोप लगाते हैं।''
ईवीएम के पक्ष में 41 अदालतों के फैसले हैं, और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईवीएम पर आरोप तब ही लगते हैं जब पार्टियाँ चुनाव हार जाती हैं।