क्या समाजवादी पार्टी पसमांदा समुदाय की सबसे बड़ी दुश्मन है? : दानिश आजाद अंसारी

सारांश
Key Takeaways
- समाजवादी पार्टी का पसमांदा समुदाय के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पसमांदा समाज का विकास हो रहा है।
- इंडी अलायंस एक कमजोर राजनीतिक ढांचा है।
लखनऊ, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। पसमांदा-बुनकर समाज के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मुलाकात पर योगी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने समाजवादी पार्टी को पसमांदा समुदाय का सबसे बड़ा दुश्मन बता दिया है।
दानिश आजाद अंसारी ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी को अचानक पसमांदा समुदाय की याद क्यों आ रही है? उन्हें अब पिछड़े मुसलमानों की चिंता क्यों हो रही है? क्या कोई बता सकता है कि 2012 से 2017 के बीच जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब पसमांदा समाज के हक में एक भी बयान क्यों नहीं आया?
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा पिछड़े मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में देखा है और उनके विकास के लिए कभी भी कोई पहल नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पसमांदा समाज का ध्यान रखा जा रहा है और उनके विकास के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसलिए समाजवादी पार्टी के लोग अब मजबूरन पसमांदा समाज की तारीफ कर रहे हैं, जो उनके झूठ को उजागर करता है। अखिलेश यादव केवल दिखावा कर रहे हैं कि वे हमारे समाज के हितेषी हैं। वास्तव में, समाजवादी पार्टी पसमांदा समाज की सबसे बड़ी दुश्मन है।
2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए, सपा मुखिया अखिलेश यादव के इंडिया ब्लॉक पर दिए बयान पर दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि इंडी अलायंस एक विफल गठबंधन साबित हुआ है। यह एक डूबते जहाज की तरह है, और इसके यात्री एक-एक करके इसे छोड़ रहे हैं। हमने पहले दिन से कहा था कि इंडी अलायंस एक कमजोर ढांचा है, जो पूरी तरह से व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थों पर आधारित है, और इसका टूटना निश्चित है। कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में गठबंधन के भीतर की आंतरिक कलह साफ दिखाई दे चुकी है।