क्या महाराष्ट्र के किसान कर्जमाफी के हकदार हैं? सरकार को उठाने चाहिए जरूरी कदम: रोहित पवार

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के लिए कर्जमाफी की मांग की गई है।
- सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।
- भाजपा पर जात-पात और सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप।
- आंदोलन ने सामाजिक न्याय और पारदर्शिता पर जोर दिया।
- सरकार से जनहित के मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की गई।
पुणे, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी गुट) के विधायक रोहित पवार ने दीपावली के दिन महाराष्ट्र में किसानों और समाज के हित में एक आंदोलन आयोजित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान जल्द से जल्द कर्जमाफी के हकदार हैं और सरकार को इसे तत्काल लागू करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य में हुई भारी बारिश ने किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है, इसलिए सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए। रोहित पवार ने कहा कि वे देखना चाहते हैं कि सरकार इस आंदोलन पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले राजनीति जात-पात से ऊपर होती थी, और जनता के हित में नीति और कार्यक्रम बनते थे, लेकिन वर्तमान में भाजपा के माध्यम से जात-पात और सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आम जनता के हितों की अनदेखी हो रही है।
रोहित पवार ने कहा कि सरकार और राजनीतिक दलों को गरीबों, मजदूरों, महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार और छात्रों के हित में काम करना चाहिए, न कि सामाजिक भेदभाव के आधार पर।
उन्होंने जैन मंदिर और जैन हॉस्टल के विवाद पर भी अपनी राय रखी। रोहित पवार का आरोप है कि भाजपा के कुछ नेता इस मुद्दे का स्वार्थसिद्धि के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं और जैन मंदिर के आसपास गलत तरीके से राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता ने इस मुद्दे का विरोध किया है और लोग सजग हैं। भाजपा इस विषय से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है।
रोहित पवार के इस आंदोलन ने किसानों, आम जनता के हित के साथ-साथ सामाजिक न्याय और पारदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जनहित और समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दें और उन्हें प्राथमिकता दें।