क्या सरकार सांसदों को चुनाव आयोग तक नहीं पहुँचने देती?: मल्लिकार्जुन खड़गे

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने विपक्षी सांसदों के मार्च को रोका।
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सांसदों को चुनाव आयोग तक नहीं पहुँचने देती।
- राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
- एसआईआर प्रक्रिया और 'वोट चोरी' के मुद्दे पर मार्च निकाला गया था।
- चुनाव आयोग ने 300 सांसदों को मिलने से रोका।
नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चुनाव आयोग के खिलाफ निकाले जा रहे विपक्षी दलों के सांसदों के मार्च को संसद मार्ग पर रोक दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल समेत लगभग 300 सांसदों को हिरासत में ले लिया।
यह मार्च बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और चुनावों में ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को लेकर निकाला गया था।
सांसदों को चुनाव आयोग के कार्यालय में ज्ञापन सौंपने से रोकने पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार सांसदों को चुनाव आयोग तक पहुँचने नहीं देती। समझ नहीं आता कि उसे किस बात का डर है? उन्होंने आगे कहा कि इस मार्च में सभी सांसद थे, शांतिपूर्ण ढंग से मार्च निकाल रहे थे। चुनाव आयोग सभी सांसदों को बुलाता और बैठक में सभी अपना पक्ष रखते, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि सिर्फ 30 सांसद ही आएं।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र की हालत यह है कि 300 सांसद चुनाव आयोग से मिलना चाहते हैं, लेकिन आयोग कहता है कि वे मिलने नहीं आ सकते, क्योंकि वह सच्चाई से डरता है। उन्होंने कहा कि अब यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मा और संविधान को बचाने की लड़ाई है। संविधान के हिसाब से हर व्यक्ति को वोट देने का अधिकार है। हमने साफ दिखाया है कि अब यह वास्तविकता नहीं रह गई है, कुछ व्यक्ति कई जगहों पर वोट डाल रहे हैं। देश के युवाओं को यह सच्चाई पता चल गई है। अब चुनाव आयोग का छिपना मुश्किल है।
'वोट चोरी' के खुलासे पर हलफनामा मांगे जाने से जुड़े प्रश्न के जवाब में चुनाव आयोग पर करारा पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह चुनाव आयोग का डाटा है, मेरा डाटा नहीं है, जिसके लिए मैं हलफनामे पर दस्तखत करूं। चुनाव आयोग डाटा उठाए और उसे अपनी वेबसाइट पर डाले, फिर उसे खुद पता चल जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। वोटों की धांधली सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं हुई, बल्कि कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी हुई है। चुनाव आयोग जानता है कि जो डाटा वह छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, वह एक दिन उजागर होगा।