क्या एसआईआर की वजह से और जानें जाएंगी? बीएलओ की आत्महत्या पर ममता बनर्जी का बयान

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क्या एसआईआर की वजह से और जानें जाएंगी? बीएलओ की आत्महत्या पर ममता बनर्जी का बयान

सारांश

पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान एक और बीएलओ की आत्महत्या ने चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि और कितनी जानें जाएंगी। यह मुद्दा अब राज्य में गहरी चिंता का विषय बन गया है।

Key Takeaways

  • पश्चिम बंगाल में बीएलओ की आत्महत्या की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर प्रश्न उठाया।
  • एसआईआर के दबाव को सहन करना कर्मचारियों के लिए कठिन हो रहा है।
  • यह मामला प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है।
  • समाज में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

कोलकाता, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक और बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की मौत का मामला सामने आया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आत्महत्या के मामले में चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कृष्णानगर में एक और बीएलओ, एक महिला शिक्षक की मौत की खबर ने मुझे बहुत दुखी किया। विधानसभा क्षेत्र छपरा (82) में बीएलओ रिंकू तरफदार ने अपने घर पर आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट में चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है।"

इसके बाद, मुख्यमंत्री ने प्रश्न उठाया कि एसआईआर के कारण पश्चिम बंगाल में और कितनी जानें जाएंगी। ममता बनर्जी ने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "और कितनी जानें जाएंगी? एसआईआर के लिए और कितने लोगों को अपनी जान गंवानी होगी? इस प्रक्रिया के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी? यह अब सच में चिंताजनक हो गया है।"

सूत्रों के अनुसार, नादिया जिले की बीएलओ रिंकू तरफदार ने कथित तौर पर एसआईआर से जुड़े कार्य के दबाव के कारण आत्महत्या की। अपने सुसाइड नोट में रिंकू ने अपनी चिंता व्यक्त की थी कि अगर उन्होंने बीएलओ का कार्य पूरा नहीं किया तो उन पर प्रशासनिक दबाव बढ़ेगा। पुलिस के अनुसार, महिला बीएलओ ने सुसाइड नोट में लिखा था, "मैं इस दबाव को सहन नहीं कर सकती।"

इस सप्ताह पश्चिम बंगाल में एसआईआर से संबंधित आत्महत्या की यह दूसरी घटना है। इससे पहले जलपाईगुड़ी में शांति मुनि एक्का नाम की एक और महिला बीएलओ ने आत्महत्या की थी। यह घटना जलपाईगुड़ी के माल बाजार क्षेत्र में हुई। एक्का की मौत के बाद भी मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग की आलोचना की थी।

परिवार ने आरोप लगाया कि उसने अपनी जान देने का निर्णय इसलिए लिया, क्योंकि वह एसआईआर के कार्य के दबाव को नहीं सहन कर पा रही थी।

Point of View

बल्कि यह पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। राज्य की प्रशासनिक संरचना में सुधार की आवश्यकता है, ताकि कर्मचारियों को मानसिक दबाव से बचाया जा सके। यह समय है कि हम इस मुद्दे को गहराई से समझें और समाधान ढूंढें।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

बीएलओ की आत्महत्या के कारण क्या हैं?
बीएलओ ने आत्महत्या का कारण प्रशासनिक दबाव और कार्य की अधिकता को बताया है।
ममता बनर्जी ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग की आलोचना की और यह सवाल उठाया कि और कितनी जानें जाएंगी।
पश्चिम बंगाल में एसआईआर का क्या महत्व है?
एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता है।
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