क्या एसआईआर से किसी को परेशानी होनी चाहिए? किरण चौधरी का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर से वोटर लिस्ट को स्वच्छ किया जाता है।
- यह प्रक्रिया देशहित में है।
- विपक्ष ने एसआईआर को लेकर सवाल उठाए हैं।
- किरण चौधरी का कहना है कि इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
- फर्जी वोटरों को हटाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद किरण चौधरी ने संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों द्वारा एसआईआर पर उठाए गए सवालों का प्रभावी ढंग से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि एसआईआर से किसी को कोई परेशानी होनी चाहिए।
किरण चौधरी ने बताया कि विपक्षी सांसदों को समझना चाहिए कि एसआईआर देश के हित में है और स्वच्छ वोटर लिस्ट के लिए यह आवश्यक है।
नई दिल्ली में सांसद किरण चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। हम सभी ने चुनाव लड़ा है, और जो लोग चुनाव में भाग लेते हैं, वे जानते हैं कि चुनाव से पहले रिवीजन होता है, बीएलओ को ड्यूटी दी जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसका वोट नहीं बना है। इस प्रक्रिया के दौरान यह भी देखा जाता है कि कोई व्यक्ति पलायन कर गया है या उसकी मृत्यु हो गई है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाता है। यह प्रक्रिया हर बार चलती रहती है। एसआईआर भी इसी प्रकार की प्रक्रिया है, जिसमें वोटर लिस्ट को स्वच्छ किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत किसी भी वैध मतदाता का वोट नहीं काटा जा रहा है, बल्कि जो अवैध रूप से वोटर लिस्ट में हैं, उन्हें हटाया जा रहा है। चुनाव आयोग के निर्देश पर यह सब हो रहा है। इसलिए एसआईआर पर सवाल उठाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार में हम सभी ने देखा कि एसआईआर के माध्यम से कितने फर्जी वोटरों के नाम हटाए गए, इसलिए एसआईआर से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष ने एसआईआर को लेकर बिहार में काफी शोर मचाया और वोट चोरी का मुद्दा बनाया। यदि वोट चोरी हुई होती, तो कुछ सीटों पर राजद-कांग्रेस के उम्मीदवार कैसे कम अंतर से जीत गए? उन्होंने कहा कि विपक्ष अब मुद्दाविहीन हो चुका है, कोई मुद्दा नहीं बचा, तो चुनाव आयोग को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
उन्होंने हरियाणा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां फर्जी वोट नहीं डाले जा सकते। सभी को पता है कि असली वोटर कौन है और फर्जी कौन है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि शीतकालीन सत्र में अच्छे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।