क्या उपराष्ट्रपति के पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा कई सवाल खड़े करता है?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ।
- कांग्रेस ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
- इमरान मसूद ने इस्तीफे को कई सवालों का कारण बताया।
- मतदाता पुनरीक्षण को लोकतंत्र के लिए खतरा माना गया।
- सभी कांवड़ियों को एक समान नहीं समझा जाना चाहिए।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कई प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह इस्तीफा निस्संदेह कई प्रकार के सवालों को जन्म देता है। धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण गिरते स्वास्थ्य को बताया है। मसूद ने कहा कि उपराष्ट्रपति का यह कदम ऐसे समय में आया है जब उनके कई कार्यक्रम पहले से निर्धारित थे।
जब इमरान मसूद से पूछा गया कि कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी, लेकिन आज वही पार्टी उनके समर्थन में है, तो उन्होंने उत्तर दिया कि यह पूरा मामला विश्वास और समर्थन से संबंधित नहीं है। यदि उनकी सीमाओं का उल्लंघन हुआ है, तो उनकी भावनाएं निश्चित रूप से आहत हुई हैं।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने 10 दिसंबर 2024 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी को सौंपा गया, जिसमें लगभग 60 सांसदों के हस्ताक्षर थे। इसमें कांग्रेस के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (एसपी), डीएमके, आरजेडी, सीपीआई, सीपीआई (एम), और जेएमएम जैसे दलों का समर्थन था। विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन संचालन का आरोप लगाया था। हालांकि, यह प्रस्ताव 19 दिसंबर 2024 को उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया।
इसके अलावा, उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण पर संसद में चल रहे राजनीतिक विवाद पर भी अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया और कहा कि उनका मत इस पर स्पष्ट है। यह बात अस्वीकार नहीं की जा सकती कि मतदाता पुनरीक्षण इस देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है।
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा कांवड़ियों को 'गुंडा' कहे जाने पर इमरान मसूद ने आपत्ति जताई और कहा कि इस प्रकार के बयानों से बचना चाहिए। यदि कोई कांवड़ ले जाने वाला व्यक्ति किसी अशोभनीय गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसे सभी कांवड़ियों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह उचित नहीं है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल उठाए और कहा कि निश्चित रूप से उनके इस्तीफे से कई प्रकार के प्रश्न उत्पन्न होते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार इस विषय पर अपना स्पष्टीकरण दे।