क्या वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली भयानक आपदा से गुजर रही है? एलजी ने केजरीवाल को लिखा पत्र
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता बढ़ती जा रही है।
- उपराज्यपाल ने केजरीवाल की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
- समन्वय के बिना कोई समाधान नहीं निकल सकता।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है।
- स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव गंभीर हो सकता है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है। उपराज्यपाल ने कहा कि केजरीवाल की राजनीति केवल नकारात्मकता और तथ्यहीन प्रोपेगेंडा पर निर्भर करती है।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को केजरीवाल को लिखे पत्र में 56 बिंदुओं को रखा है। इसमें उन्होंने प्रदूषण के मुद्दे को केजरीवाल की बड़ी बेपरवाही करार दिया है। उपराज्यपाल ने केजरीवाल के साथ अपनी बातचीत का खुलासा किया।
उन्होंने पत्र में लिखा, "मैं आपके (अरविंद केजरीवाल) और मेरे बीच नवंबर-दिसंबर 2022 में हुई चर्चा की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जब मैंने गंभीर वायु प्रदूषण के संदर्भ में हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था, तब मैंने आपको भी एक प्रति भेजी थी। जब मैंने आपसे इस मुद्दे के समाधान के लिए निर्णायक कदम उठाने को कहा, तब आपने मुझसे कहा था, 'सर, यह हर साल होता है, 15-20 दिन मीडिया इसको उठाती है। एक्टिविस्ट और अदालतें इसका मुद्दा बनाते हैं और फिर सब भूल जाते हैं। आप भी इस पर ज्यादा ध्यान मत दीजिए।' इससे अधिक दोहरा रवैया और क्या होगा?"
पत्र में उपराज्यपाल ने लिखा, "आपकी 11 साल की सरकार की अकर्मण्यता के कारण दिल्ली आज इस भयानक आपदा का सामना कर रही है। यदि आपने दिल्ली की धूल भरी सड़कों की मरम्मत करवाई होती, तो धूल से उत्पन्न प्रदूषण से दिल्ली को राहत मिल जाती। लेकिन आपने ऐसा जानबूझकर नहीं किया।"
वीके सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने यदि पड़ोसी राज्यों और भारत सरकार के साथ समन्वय से काम किया होता, तो दिल्ली आज वायु प्रदूषण की इस आपदा का सामना नहीं कर रही होती। यह अफसोस की बात है कि आपने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया।
उपराज्यपाल ने कहा, "आप (केजरीवाल) और आपके सहयोगी मुझे निरंतर अपशब्द कह रहे हैं, क्योंकि मैं दिल्ली के लोगों के हित में काम कर रहा हूं। यदि मेरी मेहनत से आपकी अकर्मण्यता सामने आई है, तो इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। यदि कार्य करने के बदले किसी को गालियां दी जाती हैं, तो आप स्वयं विचार करें कि कार्य न करने वाले लोग क्या डिजर्व करते हैं।"