क्या लैंड फॉर जॉब मामले में लालू और तेजस्वी यादव को 9 जनवरी को कोर्ट में पेश होना होगा?
सारांश
Key Takeaways
- लालू परिवार को 9 जनवरी 2026 को कोर्ट में पेश होना है।
- सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप लगाए हैं।
- कोर्ट का निर्णय बिहार की राजनीति पर असर डाल सकता है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) मामले में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की समस्याएं एक बार फिर से बढ़ती दिख रही हैं। इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है।
कोर्ट ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और तेज प्रताप यादव समेत सभी आरोपियों को 9 जनवरी 2026 को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। इसी दिन कोर्ट इस मामले में आरोप तय करने के संदर्भ में निर्णय सुनाएगा।
सीबीआई के अनुसार, यह मामला आईआरसीटीसी टेंडर और लैंड फॉर जॉब से संबंधित रेलवे में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले लालू यादव और उनके परिवार ने कई लोगों से जमीन ली है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह पूरा मामला सुनियोजित भ्रष्टाचार का है, जिसमें नियमों को दरकिनार करके लोगों को लाभ पहुंचाया गया।
सीबीआई ने इस मामले में कुल 103 लोगों को आरोपी बनाया है, हालांकि इनमें से 5 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। चार्जशीट में एजेंसी ने दावा किया है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। जमीन की खरीद-बिक्री में अधिकतर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ है। कुछ बिक्री दस्तावेज को छोड़ दें, तो बाकी मामलों में पैसे का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं मिला है, जो संदेह को और बढ़ाता है।
सीबीआई ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 420, 467, 468 और 471 के तहत आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 के तहत भी चार्जशीट दायर की गई है।
अब सभी की नजरें 9 जनवरी 2026 पर हैं, जब राउज एवेन्यू कोर्ट आरोप तय करने के संदर्भ में निर्णय सुनाएगा। इस निर्णय का प्रभाव न केवल लालू परिवार पर पड़ेगा, बल्कि यह बिहार की राजनीति में भी महत्वपूर्ण हलचल पैदा कर सकता है।