क्या रोहिणी आचार्य ने लड़कियों के लिए मायके को सुरक्षित बनाने की मांग की?

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क्या रोहिणी आचार्य ने लड़कियों के लिए मायके को सुरक्षित बनाने की मांग की?

सारांश

लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर बेटियों के लिए मायके को सुरक्षित बनाने की मांग की। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी और बिहार की पितृसत्तात्मक मानसिकता पर चिंता व्यक्त की। जानिए उन्होंने क्या कहा और क्यों यह विषय महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • बेटियों के लिए सुरक्षित मायका की आवश्यकता पर जोर
  • पितृसत्तात्मक मानसिकता पर चिंता व्यक्त की
  • सरकार और समाज का दायित्व

पटना, ११ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद अपना मायका छोड़ दिया। इस दौरान, उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह मांग की कि बेटियों के लिए मायका एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए।

रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "लड़कियों को १०,००० रुपए देना या साइकिलें बांटना, भले ही नेक इरादे से किया गया हो, लेकिन यह भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण में बाधा डालने वाले व्यवस्थागत मुद्दों को हल करने के संदर्भ में अपर्याप्त है। सरकार और समाज का यह पहला दायित्व होना चाहिए कि वे बेटियों के समान अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं, विशेषकर सामाजिक और पारिवारिक उदासीनता के मद्देनजर।"

उन्होंने आगे कहा, "बिहार में गहरे जड़ें जमा चुकी पितृसत्तात्मक मानसिकता सामाजिक और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता उत्पन्न करती है। प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार होना चाहिए कि उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है, जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है। इस उपाय को लागू करना सिर्फ एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।"

बता दें कि रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं और अपनी बात साझा करती रहती हैं। हाल ही में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास खाली करने को लेकर भी अपनी बात रखी थी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था, "सुशासन बाबू का विकास मॉडल। करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान करना पहली प्राथमिकता। घर से तो निकाल देंगे, बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालिएगा? सेहत नहीं तो कम से कम लालू के राजनीतिक कद का ही सम्मान रखें।"

Point of View

क्योंकि यह न केवल एक राजनीतिक बयान है, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है। रोहिणी आचार्य ने स्पष्ट किया है कि बेटियों के लिए सुरक्षित स्थान की आवश्यकता है, जिससे हम सभी को इस दिशा में एकजुट होना चाहिए।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

रोहिणी आचार्य ने अपनी मांग में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए मायका एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए, जहां वे बिना किसी डर के लौट सकें।
क्या यह मुद्दा केवल एक राजनीतिक बयान है?
नहीं, यह सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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