क्या तेलंगाना सरकार की मंत्री सुरेखा के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया?

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क्या तेलंगाना सरकार की मंत्री सुरेखा के खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया?

सारांश

तेलंगाना की कैबिनेट मंत्री कोंडा सुरेखा के खिलाफ हैदराबाद की अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला के.टी. रामाराव द्वारा दायर मानहानि से जुड़ा है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और कोर्ट के निर्देश।

Key Takeaways

  • कोंडा सुरेखा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
  • यह मामला के.टी. रामाराव द्वारा दायर मानहानि से जुड़ा है।
  • अगली सुनवाई 5 फरवरी 2026 को होगी।

हैदराबाद, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुरुवार को हैदराबाद की एक अदालत ने तेलंगाना सरकार की कैबिनेट मंत्री कोंडा सुरेखा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। यह वारंट बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री के.टी. रामाराव (केटीआर) द्वारा दायर मानहानि मामले से संबंधित है।

विशेष मजिस्ट्रेट ने एनबीडब्ल्यू जारी करते हुए अगली सुनवाई 5 फरवरी 2026 के लिए निर्धारित की है। कोर्ट ने सुरेखा को गिरफ्तारी की चेतावनी दी है, क्योंकि वे कई बार पेशी पर हाजिर नहीं हुईं। कोंडा सुरेखा तेलंगाना सरकार में धार्मिक न्यास और वन मंत्री हैं। वे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और बीआरएस पर लगातार आक्रमण करती रही हैं।

स्पेशल ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट (जेएफसीएम) ने मंत्री के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया, क्योंकि वह सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं। रामा राव ने बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 222 और 223 के तहत निजी शिकायत दर्ज की थी। सुरेखा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केटीआर पर अभिनेत्री सामंथा के तलाक को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी की थी, जिसे केटीआर ने अपमानजनक और झूठा बताया था।

इसी वर्ष अगस्त में बीआरएस की ओर से दायर मानहानि मामले का कोर्ट ने संज्ञान लिया था। अदालत ने कोंडा सुरेखा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया था।

शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक सबूतों की समीक्षा के बाद, कोर्ट ने पाया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 356 और 222 (जिसे 223 के साथ पढ़ा जाए) के तहत कार्यवाही के लिए साक्ष्य उपलब्ध हैं।

मंत्री ने पिछले साल 2 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि केटीआर ही स्टार नागार्जुन के बेटे Naga Chaitanya और Samantha के तलाक की वजह हैं।

नागार्जुन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि इस टिप्पणी से उनके परिवार के मान को ठेस पहुंची है। लेकिन मंत्री के सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के बाद उन्होंने इसी साल नवंबर में केस वापस ले लिया था।

समांथा-चैतन्य का तलाक 2021 में हुआ था, लेकिन सुरेखा ने इसे केटीआर से जोड़कर विवाद खड़ा कर दिया था। बीआरएस ने इसे "राजनीतिक साजिश" करार दिया था।

Point of View

बल्कि यह तेलंगाना की राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

गैर-जमानती वारंट क्या होता है?
गैर-जमानती वारंट एक कानूनी आदेश है जिसमें आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है और उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
इस मामले में अगली सुनवाई कब है?
इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी 2026 को होगी।
क्या मंत्री सुरेखा ने माफी मांगी है?
हां, मंत्री सुरेखा ने बाद में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
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