क्या कपालभाति शरीर और मन की सफाई का आयुर्वेदिक तरीका है?

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क्या कपालभाति शरीर और मन की सफाई का आयुर्वेदिक तरीका है?

सारांश

कपालभाति एक प्राचीन आयुर्वेदिक प्राणायाम है जो शरीर और मन की गहराई से सफाई करता है। यह पाचन तंत्र को सशक्त बनाता है और मानसिक संतुलन में मदद करता है। जानें इसके लाभ और सावधानियां।

Key Takeaways

  • कपालभाति से पाचन तंत्र की अग्नि बढ़ती है।
  • यह शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाता है।
  • इससे मानसिक संतुलन में सुधार होता है।
  • नियमित अभ्यास से आम दोष समाप्त होते हैं।
  • सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कपालभाति सिर्फ एक प्राणायाम नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन की गहराई से सफाई का एक प्रभावी तरीका है। आयुर्वेद के अनुसार, जब जठराग्नि यानी पाचन की अग्नि कमजोर हो जाती है, तब रोग उत्पन्न होते हैं। जब यह अग्नि प्रबल होती है, तो शरीर स्वाभाविक रूप से विकारों को समाप्त कर देता है। कपालभाति इसी अग्नि को सक्रिय करने का अभ्यास है।

यह प्राणायाम पाचन तंत्र की अग्नि को सशक्त करता है, आंतों में जमा आम दोषों को बाहर निकालता है और शरीर को अंदर से हल्का, सक्रिय और संतुलित बनाता है।

आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि कपालभाति मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, फैटी लिवर जैसी समस्याओं में सहायता करता है, हार्मोन संतुलन को सुधारता है और उदर क्षेत्र की जड़ता को कम करता है। यह केवल सांस की गति नहीं है, बल्कि निष्क्रियता को सक्रियता में बदलने की प्रक्रिया है। जब इसे प्रतिदिन खाली पेट किया जाता है, तो शरीर के भीतर का आलस्य समाप्त होता है और प्राणशक्ति को उजागर करता है।

कपाल का अर्थ है मस्तिष्क और भाती का अर्थ है प्रकाशित करना, यानी यह प्राणायाम मस्तिष्क और शरीर को भीतर से प्रखर बनाता है। इसे करने का तरीका भी सरल है। सबसे पहले सीधे बैठें, रीढ़ और गर्दन को सीधा रखें, नाक से तीव्र गति से सांस बाहर निकालें और श्वास अपने आप भीतर जाएगी। श्वास छोड़ते समय पेट को भीतर खींचें। हालांकि, हमेशा भोजन के कम से कम चार घंटे बाद इसका अभ्यास करना चाहिए।

कपालभाति से जठराग्नि प्रबल होती है, वात-कफ दोष को संतुलित किया जाता है, आम दोष समाप्त होते हैं, पाचन में सुधार होता है और शरीर हल्का और ऊर्जावान बनता है। आधुनिक शोध इसे मेटाबॉलिज्म बढ़ाने, पेट की चर्बी घटाने, शुगर नियंत्रण में सहायक और ऑक्सीजन उपयोग क्षमता बढ़ाने वाला मानते हैं।

इसमें कुछ सावधानियां भी आवश्यक हैं। गर्भावस्था, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, हर्निया या हाल की सर्जरी के मामलों में योग चिकित्सक की सलाह लेना अनिवार्य है। कपालभाति से शरीर की सफाई और मन की स्थिरता दोनों प्राप्त होती हैं।

Point of View

बल्कि मानसिक संतुलन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

कपालभाति क्या है?
कपालभाति एक प्राचीन प्राणायाम है जो शरीर और मन की सफाई के लिए किया जाता है।
कपालभाति के लाभ क्या हैं?
यह पाचन को सुधारता है, मानसिक संतुलन बनाता है और ऊर्जा को बढ़ाता है।
क्या कपालभाति सभी के लिए सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाएं, हृदय रोगी और उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को योग चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
कपालभाति करने का सही समय क्या है?
इसका अभ्यास सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है।
क्या कपालभाति से वजन कम किया जा सकता है?
हाँ, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम करने में मदद करता है।
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