क्या लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट मामले में सांसद दिनेश शर्मा का कहना है, कानून अपने तरीके से काम करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- गोमती रिवर फ्रंट का निर्माण सपा सरकार में हुआ था।
- कांग्रेस ने गोमती रिवर फ्रंट पर 1500 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।
- भाजपा ने सपा पर निशाना साधा है।
- सांसद दिनेश शर्मा ने कानून के काम करने की बात की है।
- सपा ने 2024 के चुनाव में बड़ी जीत का दावा किया है।
लखनऊ, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोमती रिवर फ्रंट, जो सपा सरकार के समय स्थापित हुआ था, एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस और सपा के बीच इस मुद्दे को लेकर टकराव की स्थिति दिखाई दे रही है, जबकि भाजपा ने सपा पर निशाना साधा है।
हाल ही में, कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल का जिक्र करते हुए उन पर 1500 करोड़ रुपए के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले का आरोप लगाया। यह पोस्ट राहुल गांधी द्वारा 272 जजों को लिखे पत्र के बाद आया है, जिसमें चुनाव आयोग की छवि खराब करने का आरोप है। इस स्थिति में कांग्रेस और सपा आमने-सामने हैं, और भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर सपा को घेरने की कोशिश की है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद दिनेश शर्मा ने गोमती रिवर फ्रंट से जुड़े सवालों पर कहा कि यह मामला जांच के दायरे में आता है और कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून अपना काम करेगा। जनहित के काम का होना अधिक महत्वपूर्ण है।
यूपी सरकार के मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा कि रिवर फ्रंट का बजट उसकी वास्तविक लागत से कई गुना अधिक हो गया है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। कांग्रेस और सपा के संबंधों पर उन्होंने कहा कि ये कभी एक साथ रहते हैं और कभी एक-दूसरे के खिलाफ।
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि गोमती नदी को साफ कर रिवर फ्रंट बनाया गया था। भाजपा के आरोपों को उन्होंने खारिज करते हुए कहा कि 9 साल की जांच में कुछ भी साबित नहीं हुआ है।
कांग्रेस के इमरान मसूद ने कहा कि अखिलेश यादव को पहले यूपी का नेतृत्व करना चाहिए। सपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनेगी।
बिहार में महागठबंधन ने सपा को कोई सीट नहीं दी, लेकिन अखिलेश यादव ने 26 जनसभाएं की और 20 स्टार प्रचार किए। सपा बिना चुनाव लड़े भी इंडिया गठबंधन के प्रचार में सक्रिय रही है।