क्या मधुमेह रोगियों के लिए भोजन प्लेट फॉर्मूला जरूरी है? जानिए इसके फायदे
सारांश
Key Takeaways
- प्लेट फॉर्मूला से खानपान का संतुलन बनता है।
- सब्जियाँ ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- प्रोटीन भूख को नियंत्रित करता है।
- मिलेट्स स्थिर ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- तनाव कम करना भी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मधुमेह के रोगियों के लिए दवाओं के साथ-साथ सही भोजन का संतुलन बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है। सही खानपान के अनुपात से ब्लड शुगर स्थिर रहता है और वजन भी नियंत्रण में रहता है। इसे बनाए रखने का सरल तरीका है 'प्लेट फॉर्मूला'।
इसमें थाली को तीन हिस्सों में बाँटा जाता है, जिसमें आधा हिस्सा सब्जियों का, चौथाई प्रोटीन का और चौथाई मिलेट्स या कार्ब्स का होता है। यह तरीका इंसुलिन के स्पाइक को कम करता है और शुगर का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है।
सब्जियों का हिस्सा थाली का सबसे बड़ा होता है। इनमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो शुगर के अवशोषण को धीमा करता है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है। करेला, लौकी, मेथी, पालक, ब्रोकली, खीरा, गाजर जैसी सब्जियाँ सबसे उत्तम होती हैं। कच्ची और पकी दोनों शामिल की जा सकती हैं।
प्रोटीन थाली का चौथाई हिस्सा होना चाहिए। यह ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और भूख को नियंत्रित करता है। दालें, उड़द-मूंग, घर का बना पनीर, अंकुरित दालें, अंडा या चिकन अच्छे विकल्प हैं।
बाकी चौथाई मिलेट्स या लो-कार्बोहाइड्रेट का होता है। ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कांगनी या ब्राउन राइस जैसे मिलेट्स शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं और शरीर को स्थिर ऊर्जा प्रदान करते हैं। मिलेट रोटी, खिचड़ी और उपमा बेहतरीन विकल्प हैं।
'प्लेट फॉर्मूला' अपनाना बहुत सरल है। थाली को आधा सब्जियों से, चौथाई प्रोटीन से और बाकी मिलेट्स से भरें। खाने के साथ पानी कम लें और धीरे-धीरे चबाकर खाएं। आयुर्वेद के अनुसार, खाने के दौरान मानसिक स्थिति भी स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।
थाली को रंगीन बनाएं, हर भोजन में कम से कम 2-3 सब्जियाँ लें, सलाद पहले खाएं, रात का भोजन हल्का रखें और तेल, नमक व प्रोसेस्ड फूड कम करें। दिन में 20-30 मिनट चलना और तनाव कम करना भी जरूरी है क्योंकि तनाव ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।
यह सामान्य जानकारी मात्र है। किसी भी आयुर्वेदिक दवा या फॉर्मूला को अपनाने से पहले योग्य वैद्य से परामर्श अवश्य लें।