क्या गुना में जैविक हाट बाजार ने किसानों की आय को बढ़ाने में मदद की है?
सारांश
Key Takeaways
- जैविक हाट बाजार किसानों को अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का अवसर देता है।
- किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए जिला प्रशासन की पहल महत्वपूर्ण है।
- जैविक खेती से फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- रासायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है।
- इस पहल से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल रहा है।
गुना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के गुना जिले में जैविक और प्राकृतिक खेती किसानों के लिए एक आशीर्वाद बन चुकी है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है।
गुना में हर रविवार को शास्त्री पार्क जैविक हाट बाजार का आयोजन किया गया है। इस बाजार का उद्घाटन कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल द्वारा किया गया। इसका उद्देश्य जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करना और लोगों को शुद्ध देसी फल-सब्जियां उपलब्ध कराना है।
इस पहल में बमोरी, राघौगढ़ और गुना सहित आस-पास के क्षेत्रों के किसानों ने भाग लिया। किसान अपने खेतों में तैयार जैविक उत्पाद—थाई अमरूद, पालक, लौकी, नींबू, मिर्च, टमाटर, गेहूं, मूंग, चना, दाल और जैविक खाद लेकर आए। हाट बाजार में लोगों ने उत्साहपूर्वक जैविक फल-सब्जियों की खरीदारी की।
किसानों ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पारंपरिक खेती की तुलना में जैविक खेती से उनकी आमदनी कई गुना बढ़ी है। मोहन सिंह ने कहा कि हम शरबती गेहूं, मूंग, दाल, चना और टमाटर की जैविक खेती करते हैं। इससे न केवल फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि मुनाफा भी बढ़ता है। रासायनिक खेती से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था, जबकि जैविक खेती सुरक्षित और लाभकारी है। हमारी आय में लगभग 90 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।
वहीं, ग्राम अंबाराम चक मुहाल कॉलोनी के किसान नाथूराम लोधा ने बताया कि उसने कृषि विभाग के सहयोग से 800 थाई अमरूद के पौधे लगाए हैं, जिनसे प्रति पौधा करीब 10 किलो उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने वाला किसान दोगुनी नहीं बल्कि 15–20 गुना तक आय बढ़ा सकता है। कभी दीपावली पर पटाखे खरीदने तक की स्थिति नहीं थी, आज लाखों की आमदनी हो रही है।
गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि जिले में करीब 3750 एकड़ जमीन पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। हम किसानों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दे रहे हैं। इस हाट बाजार में प्रारंभिक तौर पर 10 किसानों ने भाग लिया है, और आने वाले समय में इसका विस्तार किया जाएगा ताकि अधिक किसान जुड़ सकें और गुना के लोगों को बेहतर उत्पाद मिलें।
उद्यानिकी विभाग के उप संचालक केपीएस किरार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा किसानों की आय बढ़ाने और लोगों को शुद्ध आहार देने की है। उन्होंने कहा, “इसी दिशा में जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने मिलकर हर रविवार जैविक हाट बाजार आयोजित करने का निर्णय लिया है।”
एमएल त्यागी ने बताया कि प्राकृतिक फार्मिंग प्रोजेक्ट के तहत 3700 किसानों ने पंजीकरण कराया है। हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ें और रासायनिक खाद पर निर्भरता घटे।