क्या मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने तापमान को 5 डिग्री तक लुढ़का दिया?
सारांश
Key Takeaways
- तापमान 5 डिग्री तक गिर गया है।
- स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
- बुजुर्ग और बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- ठंड से बचने के उपायों का पालन करें।
- तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें यदि कोई समस्या हो।
भोपाल, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में सर्दियों का असर अब स्पष्ट दिखाई देने लगा है और तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर गया है। इस स्थिति के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर आवश्यक सुरक्षा उपायों की जानकारी दी है।
राज्य में तापमान लगातार गिरता जा रहा है। राजगढ़ और इंदौर में तापमान चार से पांच डिग्री के बीच पहुंच गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है। आने वाले दिनों में सर्दी में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। अब लोगों को रात में अलाव आदि की आवश्यकता महसूस होने लगी है।
इसी बीच, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के आयुक्त तरुण राठी ने शीतलहर के प्रभाव से बचने के लिए सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे मैदानी कर्मियों और आम नागरिकों को शीतलहर के लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दें।
वास्तव में, प्रदेश में दिसंबर और जनवरी के दौरान शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलता है। इस समय कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान पांच से सात डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज किया जाता है, जिससे जनमानस के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अत्यधिक ठंड के कारण हाइपोथर्मिया, फ्रॉस्टबाइट जैसी शीतजनित बीमारियां और विषम परिस्थितियों में मृत्यु की संभावना भी हो सकती है।
शीतलहर के दौरान विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे, हृदय एवं श्वसन रोग से पीड़ित व्यक्ति, बेघर लोग, खुले स्थानों पर काम कर रहे श्रमिक, सड़क किनारे रहने वाले व्यक्ति और छोटे व्यवसायी अत्यधिक संवेदनशील होते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें और कई परतों में वस्त्र धारण करें। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को अच्छी तरह से टोपी, मफलर और मोजे से ढकें। वॉटरप्रूफ जूतों का उपयोग करें। गर्म और तरल पेय पदार्थ (चाय, सूप आदि) लेते रहें और संतुलित आहार तथा विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियों का सेवन करें। ठंडी हवा से बचें, यथासंभव घर के अंदर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि बच्चों, बुजुर्गों, अकेले रहने वाले और असहाय व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आवश्यक दवाइयों, ईंधन, पेयजल और अन्य आवश्यक सामग्रियों का पूर्व भंडारण करें। ठंड से प्रभावित होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और निकटतम अस्पताल से संपर्क करें।