क्या भारत में होम लोन वितरण 2035 तक 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा?

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क्या भारत में होम लोन वितरण 2035 तक 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा?

सारांश

भारत के होम लोन वितरण में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। 2035 तक यह 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में शहरीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश और सरकारी पहलों का उल्लेख किया गया है जो इस वृद्धि को प्रेरित कर रहे हैं। क्या यह विकास भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा?

Key Takeaways

  • 2035 तक होम लोन वितरण 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
  • भारत की शहरी आबादी 65 करोड़ से अधिक हो जाएगी।
  • बैलेंस शीट और अफोर्डेबिलिटी में सुधार हो रहा है।
  • सरकारी योजनाएं सप्लाई बढ़ाने में मदद कर रही हैं।
  • रेरा के कार्यान्वयन से पारदर्शिता बढ़ी है।

मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के होम लोन क्षेत्र में अद्वितीय बदलाव देखने को मिल रहा है और अगले एक दशक में, यानी 2035 तक, होम लोन वितरण 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यह जानकारी गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में सामने आई है।

ओम्निसाइंस कैपिटल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंख्या, शहरीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश और नीतिगत समर्थन जैसे महत्वपूर्ण कारक मिलकर भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में स्थायी ऋण अवसरों की नींव बना रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजारों में संपत्ति गिरवी रखकर लोन लेने की पहुंच केवल जीडीपी का 11 प्रतिशत है, जो वैश्विक मानक से काफी कम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत के लोन बाजारों में अनेक अवसर मौजूद हैं।

जैसे-जैसे आय और शहरी आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, यह सेक्टर एक ऐसे मोड़ पर है जो मजबूत संरचनात्मक उत्प्रेरकों से समर्थित निरंतर विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं प्रदान करता है।

अनुमान है कि 2035 तक देश की शहरी आबादी 65 करोड़ से अधिक हो जाएगी और शहरीकरण की दर 43 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इसका मुख्य कारण राजमार्गों, मेट्रो रेल नेटवर्क, लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर और उभरते सैटेलाइट टाउनशिप में निवेश है।

इसके अलावा, सरकारी पहलों से अफोर्डेबिलिटी में सुधार हो रहा है और सप्लाई बढ़ाने में मदद मिल रही है, जैसे कि पीएमएवाई 2.0 का उद्देश्य 30 मिलियन अतिरिक्त घरों के लिए वित्तपोषण करना है, एसडब्ल्यूएएमआईएच-2 का लक्ष्य 100,000 अटकी हुई मिड-इनकम हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करना है, और 1 लाख करोड़ रुपए का अर्बन चैलेंज फंड भारतीय शहरों को भविष्य के विकास केंद्रों में बदलने के लिए तैयार किया गया है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "रेरा के लगातार कार्यान्वयन से रियल एस्टेट इकोसिस्टम में पारदर्शिता और खरीदारों का विश्वास भी बढ़ा है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत बैलेंस शीट, बढ़ती अफोर्डेबिलिटी और कई वर्षों तक डिमांड के चलते हाउसिंग फाइनेंस इंडस्ट्री भारत की आर्थिक वृद्धि के अगले चरण का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार है।

Point of View

भारत एक मजबूत वित्तीय सेवा क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत में होम लोन वितरण कब तक 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है?
भारत में होम लोन वितरण 2035 तक 150 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
इस वृद्धि के पीछे कौन से मुख्य कारक हैं?
जनसांख्यिकी, शहरीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश और नीतिगत समर्थन जैसे कारक इस वृद्धि को प्रेरित कर रहे हैं।
क्या भारत के लोन बाजार में अवसर हैं?
हां, भारत के लोन बाजार में कई अवसर मौजूद हैं, क्योंकि गिरवी रखने की पहुंच जीडीपी का केवल 11 प्रतिशत है।
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