क्या ईडी की पहल से किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को 311.67 करोड़ का बकाया मिलेगा?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों के लिए 311.67 करोड़ रुपए की वसूली की है।
- यह राशि कुर्क संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त हुई है।
- विजय माल्या को 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।
- इस मामले में बैंक धोखाधड़ी की जांच भी शामिल है।
- कर्मचारियों को राशि जल्द ही वितरित की जाएगी।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएएल) के पूर्व कर्मचारियों के लंबित बकाये की 311.67 करोड़ रुपए की वसूली सुनिश्चित की है।
यह राशि कुर्क संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त हुई है और अब आधिकारिक परिसमापक के माध्यम से कर्मचारियों को वितरित की जाएगी।
यह सफलता ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी)-I, चेन्नई के 12 दिसंबर 2025 के आदेश से संभव हुई, जिसमें ईडी द्वारा पहले एसबीआई को लौटाई गई कुर्क शेयरों की बिक्री से प्राप्त राशि जारी करने का निर्देश दिया गया। ईडी ने विजय माल्या, केएएल और संबंधित कंपनियों के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी की सीबीआई एफआईआर पर आधारित जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि कंपनी द्वारा लिए गए ऋणों का एक बड़ा हिस्सा अन्य ऋण चुकाने, विदेशी भुगतान और गलत तरीके से डायवर्ट किया गया।
ईडी ने पीएमएलए के तहत 5,042 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क कीं और सीआरपीसी के तहत अतिरिक्त 1,694 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की। कुल मिलाकर, ईडी ने एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंक कंसोर्टियम को 14,132 करोड़ रुपए की संपत्तियां लौटाईं, जिससे एक एसेट पूल बना। विजय माल्या को 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।
ईडी ने एसबीआई और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय कर कर्मचारियों के बकाये को प्राथमिकता दिलाई। एसबीआई ने डीआरटी में आवेदन दाखिल किया, जिसके बाद यह राशि कर्मचारियों के लिए जारी हुई।
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में बताया गया था कि किंगफिशर एयरलाइंस के विजय माल्या, फायरस्टार इंटरनेशनल के नीरव मोदी और स्टर्लिंग बायोटेक और स्टर्लिंग एसईजेड के नितिन संदेसरा समेत 15 लोगों को 31 अक्टूबर तक अलग-अलग बैंकों को 57,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।