क्या डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया, बीआरएस सरकार के दौरान फोन टैपिंग का मामला क्या है?

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क्या डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया, बीआरएस सरकार के दौरान फोन टैपिंग का मामला क्या है?

सारांश

तेलंगाना पुलिस ने पिछली बीआरएस सरकार के दौरान हुई फोन टैपिंग की जांच के लिए नई एसआईटी का गठन किया है। यह कदम टी. प्रभाकर राव के सरेंडर के बाद उठाया गया है, जो इस जासूसी के मामले में मुख्य आरोपी हैं।

Key Takeaways

  • तेलंगाना पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है।
  • फोन टैपिंग के आरोप गंभीर हैं।
  • टी. प्रभाकर राव पर आरोप हैं कि उन्होंने जासूसी की।
  • पुलिस की जांच जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी।
  • कई पुलिस अधिकारी इस मामले में शामिल हैं।

हैदराबाद, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना पुलिस ने गुरुवार को हैदराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार के नेतृत्व में पिछली बीआरएस सरकार के दौरान हुई कथित फोन टैपिंग की जांच के लिए एक नई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी शिवधर रेड्डी ने नौ सदस्यों वाली एसआईटी बनाने का आदेश जारी किया है।

इस टीम में रामागुंडम पुलिस कमिश्नर अंबर किशोर झा, सिद्दीपेट पुलिस कमिश्नर एस एम विजय कुमार, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) रितुराज, के नारायण रेड्डी, ग्रेहाउंड्स ग्रुप कमांडर एम. रविंदर रेड्डी, एडिशनल डीसीपी के एस राव, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस पी वेंकटगिरी, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस च. श्रीधर और नागेंद्र राव शामिल हैं।

एसीपी, जुबली हिल्स, वेंकटगिरी, जांच अधिकारी होंगे। वह पिछले साल मार्च में पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।

डीजीपी के आदेश में कहा गया है कि एसआईटी मामले की जांच को जल्दी पूरा करेगी और जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी।

यह घटनाक्रम स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी. प्रभाकर राव के एसीपी के नेतृत्व वाली एसआईटी के सामने सरेंडर करने के एक हफ्ते बाद हुआ है।

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने 12 दिसंबर को सरेंडर किया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें हिरासत में पूछताछ के लिए सरेंडर करने का निर्देश देने के एक दिन बाद।

कोर्ट ने प्रभाकर राव की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए।

प्रभाकर राव पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शासन के दौरान कई प्रमुख व्यक्तियों की अवैध जासूसी करने का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एसआईएबी में बीआरएस सरकार के खिलाफ काम करने वालों के फोन टैप करने के लिए एक विशेष टीम बनाई थी।

आरोप है कि टीम ने कांग्रेस और भाजपा नेताओं, व्यापारियों, मशहूर हस्तियों, पत्रकारों, नागरिक समाज के सदस्यों और यहां तक कि जजों के फोन टैप किए।

फोन टैपिंग के आरोप मार्च 2024 में सामने आए, जब उनके सीनियर की शिकायत के बाद पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस डी प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया।

बाद में पुलिस ने रिटायर्ड डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस पी. राधा किशन राव और एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस एन भुजंगा राव और एम तिरुपथन्ना को भी गिरफ्तार किया।

2023 के चुनावों में बीआरएस की हार के बाद, प्रभाकर राव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके खिलाफ मामला दर्ज होने से ठीक पहले वह अमेरिका चले गए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई, 2025 को अधिकारियों को प्रभाकर राव की वापसी के लिए एक इमरजेंसी यात्रा दस्तावेज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए एक अंडरटेकिंग के मुताबिक, प्रभाकर राव 8 जून को भारत लौट आए।

Point of View

तेलंगाना पुलिस ने एक नई एसआईटी का गठन किया है, जो बीआरएस सरकार के दौरान हुए फोन टैपिंग के गंभीर आरोपों की जांच करेगी। यह कदम कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी आरोपों की निष्पक्षता से जांच की जाएगी।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईटी का गठन क्यों किया गया है?
एसआईटी का गठन बीआरएस सरकार के दौरान हुई फोन टैपिंग की जांच के लिए किया गया है।
टी. प्रभाकर राव कौन हैं?
टी. प्रभाकर राव पूर्व स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख हैं, जिन पर फोन टैपिंग के आरोप हैं।
फोन टैपिंग के आरोप कब सामने आए?
फोन टैपिंग के आरोप मार्च 2024 में सामने आए।
इस मामले में कौन-कौन शामिल हैं?
इस मामले में कई पुलिस अधिकारी शामिल हैं, जिनमें पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट भी शामिल हैं।
कौन जांच अधिकारी हैं?
जांच अधिकारी के रूप में एसीपी वेंकटगिरी को नियुक्त किया गया है।
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