क्या मध्य प्रदेश में वांटेड अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर को भारत-चीन सीमा पर गिरफ्तार किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- यांगचेन लाचुंगपा 10 वर्षों से वांछित थी।
- गिरफ्तारी में मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स का योगदान रहा।
- 31 लोगों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया गया।
- यह कार्रवाई वन्यजीवों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
- गिरफ्तारी से अंतर्राष्ट्रीय तस्करी पर अंकुश लगेगा।
भोपाल, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में बाघ और पैंगोलिन के अवैध शिकार तथा उनके अंगों की तस्करी में 10 साल से वांटेड महिला तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को भारत-चीन की सीमा पर सिक्किम से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है।
दरअसल, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम में बाघ एवं पैंगोलिन के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों व पेंगोलिन के स्केल की नेपाल के रास्ते चीन में तस्करी करने वाले गिरोह के खिलाफ जुलाई 2015 में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें यांगचेन लाचुंगपा वांछित थी। प्रकरण की गंभीरता के कारण वन मुख्यालय ने इसे मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स को विवेचना के लिए सौंपा था।
एसटीएसएफ ने एक संगठित एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया। यांगचेन लाचुंगपा अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्करी गिरोह की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ है। उसके गिरोह के कई देशों में फैले नेटवर्क को देखते हुए भारत सरकार के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा यांगचेन के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया, जिससे उसे किसी भी देश में गिरफ्तार किया जा सके।
यांगचेन लाचुंगपा मूल रूप से चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत की निवासी है एवं भारत में मुख्यतः दिल्ली एवं सिक्किम में निवास करती थी। यांगचेन को पहली बार सितंबर 2017 में हिरासत में लेकर ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया गया था, लेकिन न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गई थी। उसकी अग्रिम जमानत को मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने वर्ष 2019 में खारिज कर दिया था।
वन विभाग और अन्य एजेंसियों द्वारा यांगचेन की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही थी, जबकि वह लगातार एजेंसियों को चकमा दे रही थी। अंततः उसे मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स और केंद्र सरकार की वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की संयुक्त टीम ने कठिन परिस्थितियों में योजनाबद्ध तरीके से लाचुंग, मंगन (सिक्किम) से गिरफ्तार किया। उसे न्यायालय गंगटोक के समक्ष पेश किया गया। मध्य प्रदेश शासन का ठोस पक्ष रखने के बाद ट्रांजिट वारंट प्राप्त कर उसे मध्य प्रदेश लाया जा रहा है।
इस कार्रवाई में सिक्किम पुलिस का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। यह देश का पहला मामला है, जिसमें शिकारियों, कूरियर बिचौलियों और तस्करों सहित 31 व्यक्तियों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया गया है। पूर्व में गिरफ्तार सभी आरोपियों को सजा मिल चुकी है। आरोपी यांगचेन को न्यायालय नर्मदापुरम में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा, जिससे इस गंभीर प्रकरण में अग्रिम विवेचना की जा सके। इस सफलतापूर्वक कार्रवाई में शामिल एसटीएसएफ के दल को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।